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धरमजयगढ़ः हाथी के प्रकोप का ग्रामीण हो रहे शिकार, हाथी ने दो लोगों को उतारा मौत के घाट

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May 5, 2019

शेख आलम- धरमजयगढ़ क्षेत्र में हाथी का क़हर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार तड़के सुबह हाथी ने दो ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है खड़गांव और सेमिपाली के जंगल में तेंदुपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण तेजराम और गुरवारु राठिया पर हाथी ने हमला कर दिया। जिससे मौके पर ही दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना की सूचना के काफी समय बाद वन अमला मौके पर पहुंची। जिसे देख ग्रामीण विफर गए और वन विभाग एवं पुलिस पर गुस्सा टूट पड़ा।

ग्रामीणों का आरोप है कि हमे न मुआवजा मिल रहा, न सुरक्षा

ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग हाथी से बचाव के लिए कोई भी कारगर उपाए नहीं कर रही है और ना ही क्षेत्र में हाथी आमद की कोई सूचना दी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा, फसल नुकसानी का मुआवजा भी सही से नहीं मिल रहा है। ऐसे में क्या करें और कहां जाये। अभी तेंदूपत्ता का समय है, लोग जंगल पर आश्रित हैं और जंगल में हाथी है।

ऐसे में तेंदूपत्ता नहीं तोड़ सकते। प्रशासन हमें कुछ राशि दें ताकि हमारा गुजारा हो सके। ऐसे तमाम मुद्दों को लेकर लोग आवाज उठाते नजर आए। घटनास्थल पर मौजूद आला अधिकारियों की गाड़ी को रोक लिया गया। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे धरमजयगढ़ एसडीओपी अर्जुन कुर्रे और छाल रेंजर सत्यव्रत दुबे के वाहन को ग्रामीणों ने डंडा लेकर रास्ता रोक लिया। ग्रामीण चिल्लाने लगे, हाथी से हमें सुरक्षा चाहिए। साथ ही वन विभाग की लापरवाही गिनाएं।

वन विभाग हाथी से सुरक्षा कर पाने में पूरी तरह से नाकाम

आपको बता दें कि एक रात में हाथी ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणों का कहना है कि ये एक ही हाथी है जो बारी-बारी से, 2 दिन में 3 लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। बताया जा रहा है क्रोन्धा के जंगल में भी एक शख्स को हाथी ने मार डाला है, हालांकि तीसरे शख्स की पुष्टि नहीं हुई है। हाथी हमले में दो दिन में तीन इंसानी मौत का होना किसी भयंकर त्रासदी से कम नहीं है। ऐसे में वन विभाग के ऊपर ग्रामीणों का भड़कना लाजमी है। ग्रामीणों का साफ़ आरोप है कि वन विभाग हाथी से सुरक्षा कर पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है और हाथी है कि क्षेत्र में मौत का तांडव का कर रहा है। अब वन विभाग केवल मृतक के परिजनों को मुआवजा बांटने का काम कर रही है।