Loading...
अभी-अभी:

नदी सफाई के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा, जांच के लिए तैयार की गई टीम

image

Feb 16, 2019

मनोज कुमार यादव - महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी इससे जुड़े कर्मचारियों के लिए कमाई का बड़ा साधन है कोरकोमा में नाला सफाई के नाम पर 120 ग्रामीणों को रोजगार दिया गया और इसमें कुछ नाम हैरतअंगेज थे मसलन एक स्कूली छात्रा की उपस्थिति मनरेगा में है युवती स्कूल न जा कर मनरेगा में काम करती थी कोरकोमा में कुछ लोग मनरेगा में काम कर चुके हैं कुछ का भुगतान हुआ है तो कुछ का अटका पड़ा है नाला और नदी सफाई में कोरकोमा बस्ती की ही रामेश्वरी और उसके पति परमेश्वर का नाम चढ़ा है।

रामेश्वरी ने स्वीकारा की मनरेगा में नहीं किया काम

दोनों दिहाड़ी मजदूर रहे हैं पर पड़ोसी बताते हैं कि परमेश्वर कोरबा में काम करता है और उसकी पत्नी बच्चों की देखरेख करती है रामेश्वरी स्वीकार कर रही है कि वह मनरेगा में काम नहीं की है नाम कैसे चढ़ा उन्हें नहीं पता पड़ोसी भी बता रहे हैं कि परमेश्वर और रामेश्वरी मनरेगा में कभी काम ही नहीं किए हैं रामेश्वरी की हाल ही में जज की हुई है लिहाजा वह काम पर नहीं जा सकती।

जांच के लिए तैयार की गई टीम

इस सम्बंध में रोजगार साहायिका योगेश्वरी श्रीवास ने बताया की 18 लाख की लागत से नाला सफाई का काम चल रहा है जिसमे 6 लाख आहरित हो चुका है। उसने खुद स्वीकार किया है कि एक स्कूली छात्रा काम पर आती थी मनरेगा मस्टरोल में काम करने वाले का हो नाम है जनपद पंचायत सीईओ प्रीति पवार ने बताया की कोरकोमा में मनरेगा के तहत काम कराया जा रहा है।

नहीं है कोई मॉनिटरिंग की व्यवस्था

गड़बड़ियों की जांच के लिए एक टीम तैयार कर की जा रही है दोषी पाने पर कार्यवाही की जाएगी मनरेगा में भ्रष्टाचार की यह कहानी नई नहीं है खास तौर पर बोला चल क्षेत्रों में इस की मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं होने से रोजगार सहायकों की भूमिका हमेशा संदिग्ध रहती है।