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किसान हैरान-परेशान, मुआवजे के नाम पर किसानों को मिल रहा धोखा

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Oct 11, 2018

हरिओम श्रीवास - मस्तूरी क्षेत्र में ईटवा ग्राम पंचायत को कृषि क्षेत्र के लिए कृषि विभाग द्वारा चयनित कर किसानों को 350 एकड़ में धान की फसल बोने कर लिए जून महीने में हाई ब्रीड हंसा कम्पनी की सहयाद्रि 4 शंकर धान खेत मे लगाने के लिए किसानों को प्रदर्शनीय के रूप में राष्ट्रीय खाद्यान योजना के अन्तर्गर्त बीज निगम द्वारा वितरण किया गया था। किसानों का कृषि स्तर सुधार सके जिस प्रकार से कृषि विभाग द्वारा जनाकारी किसानों को दी गई इसके विपरीत होने से किसानों को अब चिंता की लकीर दिखाई दे रही है।

खेतो में अच्छी फसल के लिए किटनाशक दवाई भी मिली थी वह भी घटिया किस्म का नजर आ रही हैं दूसरे धान के अपेक्षा महो के साथ बीमारियां भी हो रही हैं वहीं विभाग द्वारा किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल धान होने की बात कही लेकिन अब किसानों की माने तो वह 25 से 30 क्विंटल धान हो रहा हैं इससे अब किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे।

खेतो में लागये गए धान का को पकने के लिए 130 से 135 दिन का समय दिया गया था लेकिन अब वह 90 दिनों के भीतर ही पक गया हैं इससे अन्य किसानों द्वारा लागये गए फसल के अपेक्षा हाईब्रिड हंसा धान अब पूरी तरह से पक गया कि और सूखने लगे कुछ किसान अपने घर का धान बीज लागये वह अभी पानी की आवश्यकता पड़ रहा हैं लेकिन हाइब्रिड हंसा धान के पकने पर किसान अपने घर फसल घर कैसे लाये यह सोच रहे।

वहीं जिस पर कृषि के आर ई ओ और विभागिय अधिकारियों को सूचित कर चुके लेकिन कोई इस ओर ध्यान नही दे रहे जिससे किसानों में भारी आक्रोशित नजर आ रहे हैं यह हाईब्रिड प्रदर्शनीय धान हंसा लगाने पर पछतावा और ठगा महसूस कर रहे अब कृषि विभाग भी साथ नही दे रहा हैं ऐसे स्थिति में किसान सोसाइटी का कर्ज पटा नही पाएंगे कृषि सप्ताह में पखवाड़ा होने की बात कह रहे हैं लेकिन वह भी नजर नही आता।

कृषि विभाग साशन की योजनाओं का लाभ देने के लिए अपना टारगेट पूरा कर किसानों को हाईब्रिड धान का फसल दे दिया और फसल की जानकारी लेने कृषि विभाग के अधिकारी नही पहुंच रहे हैं और अपना पल्ला झाड़ते हुए कहते प्रयास किया जा रहा हैं वैज्ञानिकों से संपर्क कर टीम निरीक्षण किया जाएगा के वी के को पत्र लिखा गया हैं लेकिन वहां से भी कोई जवाब नही आया हैं।