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पखांजुरः 16 साल से भाई के इन्तजार में पथरा गई आँखे

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Aug 15, 2019

अमर मंडल- 16 साल से बहन की आँखे अपनी एक मात्र भाई को देखने से लिए तरस रही है। हर वर्ष रक्षाबधन आता है और बहन की आँखे भाई से मिलने के इन्तेजार में ढबढबा जाती हैं। अब तो आंसू भी सूख गया है। हर वक्त घर में डाकिया का इन्तेजार होता है। राह देखते-देखते आँखे पथरा गयी है, लेकिन अभी तक नौकरी की तलाश में निकला भाई लौट के नहीं आया। 16 साल पहले काम खोजने घर से निकला भाई तापस कभी वापस ना आया। हर साल रक्षाबंधन में उसकी बहन तुलसी के पौधे को अपना भाई मानकर रखी बांधती है।

वृक्ष को ही अपना भाई मानकर राखी बांधती है

पखांजुर के ग्राम पी.व्ही 14 श्याम नगर आश्रम पारा में रहने वाली सरला के आँखे आज भी नम हैं। भाई-बहन के रक्षाबन्धन के इस पवित्र पर्व पर सभी बहनों के चेहरे में मुस्कान रहता है लेकिन इस बहन के आँखों से आज के दिन भी आंसू टपकते हैं। आज 16 वर्ष बीत गया परंतु भाई तापस लौट कर नहीं आया। हर साल उसकी बहन रक्षाबन्धन में भाई के कलाई के जगह तुलसी वृक्ष में रक्षा सूत्र बांध कर वृक्ष की पूजा पाठ करती है। वृक्ष को ही अपना भाई मानकर राखी बांधती है एवं भाई की लंबी उम्र व कुशलता की प्रार्थना करती है। भाई जल्द वापस आ जाये दुआ मांगती है।