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दुर्ग जिले के भूतपूर्व सांसद मोहन लाल जैन का सेक्टर 9 हॉस्पिटल में निधन

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Sep 17, 2018

चंद्रकांत देवांगन - यूँ तो मोहन भैया का जन्म 18अक्टूबर 1934 को राजस्थान के जयपुर में हुआ था वे आरम्भकाल से सेवाभावी सहृदय व्यक्तिव के धनी थे तथा एक स्वय सेवक के रूप में राष्ट्रिय सेवक संघ में कार्यरत थे जनता के प्रति उनके सेवानिष्ठ व समपर्ण भाव के कारण वे जनसंघ से (अपरिवर्तित भाजपा) दुर्ग नगर पालिका में पार्षद के रूप में निर्वाचित होकर जनता को सेवा प्रदान किए ततपश्चात उनके जनता के प्रति समर्पित भाव को देखते हुए सन् 1968 में दुर्ग विधान सभा से स्व.मोहन भैया को विधान सभा से उम्मीदार घोषित कर मैदान में उतारा गया जहां वे मामूली अंतरों से पराजित हो गए।

किन्तु देश में स्व. इंदिरा गांधी जी के कांग्रेस शासन काल में आपातकाल लगाने के कारण इस आलोकतांत्रिक कृत्य के विरोध में झंडा बुलंद करने के चलते उन्हें लम्बे समय तक जेल में बंद कर दिया गया परंतु आपात काल के बाद हुए लोक सभा चुनाव में सन् 1977 में मोहन भैया दुर्ग लोक सभा से पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद के रूप में जनसंघ(भाजपा) से निर्वाचित होकर दिल्ली पहुँचे और देश के पूर्व प्रधान मंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ देश सर्वोच्च सदन में कार्य किए।

मोहन भैया उन विरले नेताओ में से एक थे जिन्होनो अपना सम्पूर्ण जीवन गरीबो असहाय व जरुरतमंदो के सेवा में समर्पित कर दिया मोहन भैया के निधन को भाजपा भले ही एक अपूर्णीय क्षति के रूप में देखती है तो वही कांग्रेस के विधायक अरुण वोरा जी का कहना था कि आज के नेताओ को उनसे सीख लेकर कार्य करना चाहिए भले ही वो भाजपा से जुड़े थे लेकिन दलगत राजनीती से ऊपर उठकर उन्होंने कार्य किया है जो कि अविस्मरनीय है।

स्वाभिमान मंच के संयोजक राजकुमार गुप्ता की माने तो उनका कहना था कि आपातकाल के दौरान उन्होंने मोहन भैया को झंडा बुलंद करते हुए देखा है मोहन भैया के साथ उनके पारिवारिक सम्बन्ध रहे है और जिले के कई राजनेता आज उन्ही से प्रेरणा लेकर राजनीती में आये है पर बदकिस्मती की बात है कि अस्वस्थता के दौरान जिले में 3 सांसद और 2 मंत्री होने के बावजूद किसी ने भी उनकी पूछ परख नही ली।