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जशपुरः अधूरी सड़क की पूरी दास्तान, 9 किलोमीटर का उबड़-खाबड़ सड़क क्षेत्र के लोगों के लिये परेशानी का सबब

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Jun 5, 2019

संतोष गुप्ता- कई वर्षो तक लगातार शासन व प्रशासन से मांग, शिकायत व संघर्ष करने के बाद जशपुर से सन्ना तक सड़क निर्माण का कार्य कराया गया, लेकिन 9.3 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य अब भी शेष है। लगभग 9 किलोमीटर का यह उबड़-खाबड़ सड़क क्षेत्र के लोगों के लिये परेशानी का सबब बन रहा है। खराब सड़क होने की वजह से आये दिन सोनक्यारी से सन्ना के बीच में दुर्घटना होती रहती है। जशपुर से सन्ना की दूरी 53 किलोमीटर है जिसमें जशपुर से जरिया तक 4 किलोमीटर सड़क पहले ही बना दिया गयी थी। शेष 49 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिये लोक निर्माण विभाग ने टेंडर कराया था।

राशि संबंधित मामले में शासन से स्वीकृति नहीं मिली, जिसकी वजह से सड़क का काम रूका

पहली बार 26.8 किलोमीटर सड़क निर्माण 53 करोड़ 90 लाख की लागत से क्लासिक नेटवर्क गुजरात की कंपनी से कराया गया। इसके पश्चात शेष 22 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिये 17 करोड़ 65 लाख की स्वीकृति शासन से मिली। इस राशि से हर्ष कंसट्रक्शन एवं ठेकेदार वीरेन्द्र सिंह के द्वारा 12 किलोमीटर 700 मीटर सड़क का निर्माण कराया गया। शेष 9 किलोमीटर 300 मीटर सड़क का निर्माण होना है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता के. आर. दरश्यामकर ने बताया कि 17 करोड़ 65 लाख में से 5 करोड़ 15 लाख रूपये विभाग के खाते में हैं, लेकिन इस राशि से 9.3 किलोमीटर का सड़क नहीं बनाया जा सकता है। शासन के पास रिवाईज के लिये फाईल भेजा गया था लेकिन शासन से स्वीकृति नहीं मिली, जिसकी वजह से सड़क का काम रूका हुआ है।

5 करोड़ 15 लाख की राशि से 9.3 किलोमीटर गुणवत्ता युक्त सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सकता

श्री दरश्यामकर ने बताया कि शासन चाहती है कि 5 करोड़ 15 लाख की राशि से ही 9.3 किलोमीटर सड़क बना दिया जाये। उन्होंने बताया कि जशपुर-सन्ना सड़क निर्माण में साल 2017 मे कार्यपालन अभियंता आर. के कुम्हारे, एसडीओ एल. के. भोई, व सब इंजीनियर कोसमोस कुजूर निलंबित हो चुके हैं। 5 करोड़ 15 लाख की राशि से 9.3 किलोमीटर गुणवत्ता युक्त सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सकता है क्योंकि वर्तमान में जशपुर-सन्ना सड़क में ट्राफिक का दबाव ज्यादा है। ऐसे में सड़क समय से पहले खराब हो जायेगा। समय से पहले सड़क खराब होने पर उपरोक्त अधिकारियों की तरह उन पर भी गाज गिर सकती है, इसी डर से सड़क निर्माण का कार्य नहीं कराया जा रहा है।