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जगदलपुरः बच्चों के अंकसूची में लेटलतीफी के सवाल पर मीडिया से भागते नजर आये जिला शिक्षा अधिकारी

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Jun 5, 2019

आशुतोष तिवारी- शिक्षा विभाग में फर्नीचर खरीदी में लाखों रुपए की हेराफेरी करने में लंबे समय तक सुर्खियों में रहे शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वर्तमान में जगदलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी एक बार फिर अपने बेतुके बयान के लिए विवादों में घिरे हैं। दरअसल हमारे स्वराज एक्सप्रेस के संवाददाता आशुतोष तिवारी ने जब पहली से आठवीं तक के बच्चों के अंक सूची में लेटलतीफी की वजह जाजननी चाही तो जिला शिक्षा अधिकारी ने, यह उनकी जवाबदारी नहीं है, जैसी बेतूल बयानबाजी करते हुए अपना वर्जन देने से साफ इनकार कर दिया और हमारे रिपोर्टर से सीधे बदतमीजी करने पर उतारू हो गए।

शिक्षा के गुणवत्ता के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग के खबर पर भी मीडिया के सामने से भागते नजर आए थे

इस दौरान हमारे रिपोर्टर ने साहेब का स्टिंग किया, जिस पर वे आंकड़ा मांगने पर भड़कते हुए नजर आए। मेरा गला खराब है, मैं नहीं बता सकता- ये बोलते हुए टाल दिए। दरअसल वे मीडिया को फेस ही नहीं करना चाहते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी शिक्षा के गुणवत्ता के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग के खबर पर भी जब उनसे वर्जन मांगा गया, उस समय भी अपनी तबीयत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए मीडिया के सामने से भागते नजर आए। जबकि अपनी दफ्तर में बैठ के अपनी डियूटी बजाते है, लेकिन मीडिया के आते ही इनकी तबियत खराब हो जाती है।

 

जब साहब से फ़ोन में भी पूछा जाता है कि सर इस खबर पर आपकी वर्जन चाहिए तब साफ तौर पर ना में जवाब देते हुए कहते है कि हम नहीं दे सकते इस पर वर्जन। जब शिक्षा विभाग के अधिकारी नही करेंगे बात मीडिया से तो हमारी खबरों के लिए और किससे बात किया जाएगा, कौन देगा हमारे सवालों का जवाब। गौरतलब है कि इस भ्रष्ट अधिकारी को फर्नीचर खरीदी में संलिप्त होने पर बस्तर में अटैच किया गया था, लेकिन यहां पर भी यह अपने व्यवहार और आचरण को सुधारते नजर नहीं आ रहे और यही वजह है कि बस्तर में अब जिला शिक्षा अधिकारी का ऐसा रवैया है तो जिले में शिक्षा का स्तर क्या होगा, आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं।