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GGU में छात्रा की खुदकुशी का मामला गर्माया, गुस्साएं छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च

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Oct 10, 2017

रायपुर/बिलासपुर : गुरू घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीएड में पढ़ने वाली छात्रा पूनम चंद्रा की खुदकुशी का मामला गर्मा गया हैं। इसे लेकर छात्रों में आक्रोश हैं। मृतक छात्रा पूनम चंद्रा के सुसाइड नोट में छेड़छाड़ के आरोपों ने सनसनी मचा दी हैं।

बता दें कि पूनम ने एक छात्र दिव्य कुमार पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उसने अपने एचओडी एचसी वझलवार को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें दिव्य कुमार पर उसने छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया हैं। उसने लिखा हैं कि वो लगातार इसे लेकर प्रताड़ित हो रही हैं।

हालांकि ये पत्र एचओडी तक पहुंची या नहीं, इसका पता नहीं चल सका हैं। छात्रा ने छेड़छाड़ से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एचओडी को लिखा हुआ पत्र पुलिस ने छात्रा की मौत के बाद उसकी डायरी से निकाला हैं। पुलिस पत्र की जांच कर रही हैं।

इधर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एचओडी एचसी वझलवार के खिलाफ 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया हैं। हालांकि विभागाध्यक्ष ने पुलिस को बताया कि छात्रा ने किसी भी तरह की शिकायत मौखिक या लिखित में नहीं की थी।

इधर यूनिवर्सिटी के छात्रों में इस घटना को लेकर आक्रोश हैं और वे आरोपी एचओडी प्रोफेसर एचसी वझलवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। गुस्साएं छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर मृतक छात्रा के लिए न्याय की मांग की। वहीं छात्रा की खुदकुशी को 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की हैं।

इधर पुलिस का कहना हैं कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी हॉस्टल आरोपी की तलाश में वो पहुंची थी, लेकिन आरोपी फरार हैं। पुलिस ने छात्रा का मोबाइल कब्जे में ले लिया हैं और उसमें आए कॉल्स और मैसेज की जांच कर रही हैं।

वहीं छात्रों ने चेतावनी दी हैं कि अगर मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। यहां के स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर भी मृतक छात्रा को न्याय दिलाने के लिए अभियान छेड़ रखा हैं। बता दें कि मृतक छात्रा कोरबा की रहने वाली थी और बिलासपुर में अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी।

आरोपी दिव्य कुमार उसे लगातार 4 महीनों से प्रताड़ित कर रहा था। आरोपी और मृतक दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे। कोनी पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी हैं। वहीं आज भी छात्र परिषद की ओर से विश्वविद्यालय में विरोध मार्च निकाला गया।

रायपुर के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बंधोपाध्याय ने इसे लेकर कार्रवाई नहीं होने से नाराजगी जाहिर की हैं। उन्होंने कहा कि ये भी जिस तरीके से अभी बीएचयू में छेड़खानी का मामला आया था, वैसा कुछ मामला केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आया हैं। रायपुर में 11 अक्टूबर को इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 

केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पूर्व में हो चुकी ये प्रमुख घटनाएं

  • सितंबर 2015 में एमएससी की दो छात्राएं प्रैक्टिकल के दौरान बायलर में ब्लास्ट में गंभीर रूप से झुलस गई थीं. इस मामले में गंभीर लापरवाही सामने आई थी, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • दिसंबर 2016 में पत्रकारिता की छात्रा प्रज्ञा जायसवाल ने रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में विवि प्रशासन ने कोई जांच नहीं की। छात्रों ने गड़बड़ी की आशंका जताई थी। 

 

  • सितंबर 2017 में लॉ की छात्राओं ने अपने विभाग के शिक्षक पर अभद्र व्यवहार करने और रात में मोबाइल से फोन करने की शिकायत की थी। बात नहीं करने पर क्लास में प्रोफेसर प्रताड़ित करते थे। इस मामले में विवि प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए प्रोफेसर को बर्खास्त किया था।