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कोरबाः 34 वर्षों से देश की सेवा करने वाले जवान का मृत्यु उपरांत अपमान

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Jul 12, 2019

मनोज यादव- देश की सुरक्षा में तैनात हर जवान का सपना होता है कि उसका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हो, लेकिन छुरीखुर्द में रहकर ग्वालियर के 14 बटालियन में नौकरी करने वाले जवान हरीश सहाय का यह सपना पूरा नहीं हो सका। सड़क हादसे में जान गंवाने के बाद उसके शव को सहकर्मियों ने लावारिस लाश की तरह घर में लाकर छोड़ दिया। शासन प्रशासन के इस रवैय्ये से जवान के परिजन काफी आहत हैं।

सीमा पर चौकस रहकर 24 घंटे देश की रक्षा करने वाले जवानों का सम्मान हमारे देश में सबसे ऊंचा है। हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा को अपना परम कर्तव्य मानने वाले जवानों के सम्मान की रक्षा करने की सभी की जिम्मेदारी है। लेकिन ग्वालियर के 14 बटालियन में रहकर पिछले 34 वर्षों से देश की सेवा करने वाले जवान हरीश सहाय के परिजनों ने मरणोपरांत शासन प्रशासन पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया है।

पिछले दिनों सड़क हादसें में जवान की चली गई थी जान

स्पोर्ट्स कोटे से ग्राम छुरीखुर्द निवासी हरीश सहाय को ग्वालियर की 14 बटालियन में नौकरी मिली थी। पूरी ईमानदारी से हरीश सहाय ने अपनी ड्युटी निभाई, लेकिन पिछले दिनों सड़क हादसें में उनकी जान चली गई। सहकर्मियों ने पूरे सम्मान के साथ उनके शव को गृहग्राम में तो छोड़ा, लेकिन उनके पास इतना समय नहीं था कि वे अंतिम संस्कार तक रुकते। विभागीय कर्मियों के इस रवैय्ये से परिजन काफी आहत हुए हैं। उनका कहना है कि एक जवान का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए, लेकिन हरीश सहाय के साथ ऐसा न हो सका। सहकर्मी एक लावारिस लाश की तरह उनके शव को छोड़कर चले गए। इतना ही नहीं उनके मौत की सही जानकारी भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई।

हरीश सहाय की मौत का जिस तरह से शासन और प्रशासन ने मजाक उडाया वह एक गंभीर विषय है। यह सिर्फ हरीश का ही अपमान नहीं बल्की उन सभी जवानों का अपमान है जो देश की सुरक्षा करते हुए अपनी जान गंवा देते हैं। जवान बिना किसी स्वार्थ के देश की सेवा करते हैं ऐसे में मरने के बाद भी उन्हें वह सम्मान न मिले जिसके हकदार हुए है तो इससे बड़ी विडंबना क्या होगी। बहरहाल अपमान का घूंट पी कर परिजनों ने हरीश का अंतिम संस्कार तो कर दिया लेकिन उनके सवाल शासन और प्रशासन के लिए एक तमाचे के समान हैं, जो जवानों के सम्मान की रक्षा हर परिस्थिति में करने का दंभ भरते हैं।