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40 सालो से विकास चल रहा कछुवा की चाल, 18 वर्षों से योजना का शुभारंभ होने का इंतजार

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Jul 7, 2018

हम बात कर रहे हैं बेमेतरा जिले के मऊ में  बने लिफ्ट इरीगेशन की जिससे लगभग 1200 एकड़ में सिंचाई की व्यवस्था होनी थी मगर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैया के चलते आज पूर्ण होने के बाद 18 वर्षों से अपने शुभारंभ की बाट जोह रहा है यह लिफ्ट एरिगेशन दरअसल योजना की शुरुआत जनता सरकार के कार्यकाल में जब छत्तीसगढ़ का उदय नहीं हुआ था तब 1978 में इसकी रूपरेखा तैयार की गई थी उस समय तत्कालीन सरकार के द्वारा किसानों की हित में एक लिफ्ट एरिकेशन योजना चलाई गई थी।

1200 एकड़ में की गई सिंचाई व्यवस्था

जिसमें नदी किनारे बसे गांव में लिफ्ट इरीगेशन के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराना कृषि योजना के तहत अविभाजित दुर्ग जिले के जो तत्काल में बेमेतरा जिले में है ग्राम मऊ का चयन योजना के तहत यहां के 1200 एकड़ में सिंचाई की व्यवस्था के लिए योजना बना जो 2000 में पूर्ण हो गया था।

विधायक, मंत्रीयों का सुस्त रवैया

योजना के प्रारंभ में लागत मात्र 22 लाख रूपय थी जो दिन-ब-दिन बढ़ते बढ़ते आज 1 करोड़ 50 लाख से भी ज्यादा रुपए की लागत लग चुकी है उन के बाद भी योजना का शुभारंभ नहीं हो पाया अंकित वही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सनत धर दीवान का कहना है कि यह योजना सन 1978 से तो प्रारंभ की गई मगर आज पूर्ण होने के बाद भी शुभारंभ नहीं हो पाया वही इसमें जो क्षेत्र के विधायक हैं मंत्री हैं उनका सुस्त रवैया रहा।

कलेक्टर ने जल्द ही कार्रवाई के दिये आदेश

मध्यप्रदेश शासन काल से ही यहां  के जनप्रतिनिधि मंत्री बनते आए हैं चाहे डीपी घृतलहरे हो हरिकिशन कुर्रे हो या दयालदास बघेल मगर इन सबके बाद भी योजना का प्रारंभ नहीं हो पाया है वही गांव के किसानों का कहना है कि यह योजना अगर चालू नहीं कर सकते तो सरकार यहां से उठाकर ले जाए अगर यह हमें फायदा नहीं दे सकता तो हमारे किसी काम का नहीं है वही मामले में कलेक्टर महोदय का कहना है कि उन्होंने मामले की जानकारी विभाग से ली है और जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जायगा ।