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पहली बारिश में ही करोड़ो की लागत से बनी नहरे हुई जर्जर

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Jul 7, 2018

हरदा जिले की शत प्रतिशत सिंचित करने की मंशा को लेकर सरकार द्वारा हरदा एवं टिमरनी शाखा की नहरों में लगभग 127 करोड़ की लागत में लाइनिंग का कार्य कराया गया है जो अभी भी कुछ जगहों पर चल रहा है नहरों की लाइनिंग कार्य की गुणवत्ता को लेकर भारतीय किसान संघ व कई किसानों ने शिकायतें भी की थी जिसके बाद क्वालिटी कंट्रोल टीम के अधिकारियों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कही भी खामी नही होने की बात कही थी हम आपको बता दें कि नहरों के बने मात्र एक से डेढ़ साल में ही पहली बारिश में ही हरदा शाखा सहित अन्य जगहों पर नहर जगह जगह से जर्जर हो गई है जो कि सरकार के करोड़ो रूपये की लागत और टेल एरिये के किसानों को पानी पहुंचाने के सपने को ठेंगा दिखाते नजर आ रही है।

हरदा जिले में गुजरात की कुणाल कंट्रक्शन कम्पनी ने  हरदा में 31 किमी एवं टिमरनी में 38 किमी में नहरो में लाइनिंग का गुणवत्ताहीन काम किया है जिसके चलते ग्राम उन्द्रकछ के पास तवा डेम से आने वाली मुख्य शाखा एलबीसी एवं एचबीसी में दरारें आने के साथ साथ जगह जगह से टूट गई है जब इस सम्बंध में सिंचाई विभाग के ईई आर पी त्रिपाठी से चर्चा की गई तो उनके द्वारा निर्माण कार्य करने वाली कंपनी से जनवरी 2019 तक नहरों की लाइनिंग ओर टूट फुट को पूरा करने की बात कही है।

उनके द्वारा गुणवत्ता में खामी को लेकर यह तर्क दिया गया है कि नहर बनने के कुछ दिन बाद ही किसानों को पानी देने की वजह से नहर कई जगह से टूट गई है सवाल यह उठता है आखिर डेढ़ साल की अल्प अवधि में ही नहरो के जगह जगह  टूटने से नहरो के लंबे जीवन की कल्पना करना कोरी कल्पना होगी।