Aug 19, 2019
केशव साहू : सरकार भले ही ग्रामीण सड़कों को मुख्य सड़क से जोड़ने की ढिढोंरा पीटती हो किंतु जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। कसडोल नगर के गुरुघासी दास चौक से चिचपोल जाने वाली सड़क आज इतनी जर्जर है की पैदल चलना भी लोगों को मुश्किल है। दौलतराम राम महाविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज,प्रसव करने वाली लोगों को जर्जर सड़क से जाना पड़ता है, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है।
कसडोल से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर महानदी का चिचपोल घाट है, जिसके कारण इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में हाइवा ट्रक से रेत उत्खनन कर ढुलाई कि जाती है। जर्जर होने का मुख्य कारण सड़क की छमता से अधिक वजनी गाड़ी का चलना है, सरकार को इसके एवज में मोटा राजस्व मिलता है किंतु आज तक सड़क नहीं बना इसके लिए खनन विभाग भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। सड़क आज बड़े बड़े गड्डों में तब्दील हो गया है। यदि कोई प्रसव पीड़ित महिला को प्रसव दर्द उठ जाए तो स्वास्थ्य केंद्र पहुंच पाएंगे कि नहीं कहा नही जा सकता। ऐसे में सरकारी महकमे पर उंगली उठना लाजमी है।
जर्जर रोड़ बनाने के संबंध में मितानिन संघ बलौदाबाजार जिला अध्यक्ष सती वर्मा के नेतृत्व में कसडोल के मितानिनों ने अनुविभागीय अधिकारी कसडोल प्रकाश सिंह राजपूत को ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा हैं कि सात दिवस की भीतर सड़क बनाने संबंधित कार्यवाही की जानकारी नहीं दिया, तो उग्र आंदोलन करके की चेतावनी दी।