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दुर्गः बोरसी से मासूम बच्चे का अपहरण करने वाला मास्टरमाईंड पिता का नजदीकी दोस्त

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Aug 23, 2019

चंद्रकांत देवगन- दुर्ग के बोरसी से मासूम बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपियों को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार लिया है। अपहरण करने वाला मास्टरमाईंड पिता का नजदीकी दोस्त ही निकला है, जिसने अपहरण की पूरी वारदात की योजना बनाई। इस मामले के 5 आरोपियों में से चार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें एक महिला भी शामिल है। वहीं एक अन्य फरार की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।

दुर्ग पुलिस ने कल अपहरण के दो दिनों के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में मासूम के पिता का नजदीकी दोस्त ही मास्टरमांईड निकला है। पुलिस ने एक पत्रकारवार्ता लेकर इस पूरे मामले का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार इस पूरे अपहरण की वारदात को पांच लोगों ने मिलकर अंजाम दिया, जिसमें से चार की गिरफ्तार कर ली गई है। इस मामले का मास्टर माईड राजकुमार साहू चंद्रशेखर के घर कभी-कभी वाहन चलाने का काम करता था। खास दोस्त होने की वजह से उसे चंद्रशेखर द्वारा पिछले दिनों 1 करोड 20 लाख की पुस्तैनी जमीन बेचने की भी जानकारी थी। तभी से आरोपी योजना तैयार करना शुरू कर दिया। एक माह से अपहरण की योजना तैयार की जा रही थी और इसी क्रम में 20 अगस्त को अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया। इस मामले का फरार आरोपी चार अपने साथियों से दूरी बनाए रखा हुआ था और तमाम जानकारी उपलब्ध करा रहा था।

इस तरह से वारदात को दिया अंजाम

वारदात को अंजाम देने के एक दिन पूर्व आरोपियों ने घटनास्थल की रेकी की थी और भागने समेत बच्चे को रखने के ठिकाने की योजना बनाई थी। अपहरणकर्ता राजकुमार अपने साथी रूकेंद्र सिन्हा, हेमू साहू मिलकर वारदात को अंजाम दिया। हेमू ने स्कूल वैन चालक से विवाद किया। राजकुमार ने बच्चे को इसी दौरान उठा लिया और पहले से ही अपाचे बाईक को चालू कर रखे, रूकेंद्र के साथ तीनों भाग गए, लेकिन कुछ दूरी के बाद उन्होंने हेमू को मोटर सायकल से उतार दिया। जिसके बाद मामले के फरार आरोपी ने हेमू की मदद करते हुए धनोरा गाँव में छोड़ा और क्षेत्र की गतिविधियों की पल-पल की जानकारी दे रहा था। दूसरी मोटर साईकिल से आरोपी बच्चे को लेकर पुलगांव चौक होते हुए राजनांदगांव जिले के मगरलोटा पहुंच गए।

CCTV कैमरे से एक बड़ा सुराग मिला

मगरलोटा गाँव पहुंचने के बाद मौलिक के पिता अपने जिगरी दोस्त व मुख्य आरोपी राजकुमार साहू को फोन कर जानकारी दी कि मेरे बच्चे के साथ अपहरण जैसे घटना हो गई है। जिस पर आरोपी ने दो अन्य लोगों के पास बच्चे को मगरलोटा गाँव के मकान पर ही छोड़कर, बच्चे के पिता के पास पद्मनाभपुर चौकी पहुंच गया। वहां वो बच्चे के पिता के साथ मामले को जानते हुए पुलिस की गतिविधियों की जानकारी रख रहा था। पीड़ित पिता को पता भी नहीं था कि साथ में बैठा हुआ दोस्त ही इस वारदात का मुख्य आरोपी है। इधर इलेक्ट्रिनिक उपकरणों की सहायता लेते हुये पुलिस आरोपियों की पतासाजी में जुटी हुई थी। तभी पुलिस को पुलगांव में लगे CCTV कैमरे से एक बड़ा सुराग मिला। आगे राजनांदगांव क्षेत्र में लगे CCTV फुटेज को खगांलने के बाद आरोपियों की कोई भी निशानदेही नहीं मिली, जिससे पुलिस को समझ में आ गया था कि आरोपी दुर्ग-राजनांदगांव सीमा क्षेत्र के आसपास किसी गाँव में छिपे हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों के छिपे ठिकाने के आसपास अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी। पुलिस का दबाव बढा तो वे बच्चे को सोमनी थाना के सामने छोड़कर फरार हो गए। पुलिस को इस मामले में पहले से ही इन पर शक था लेकिन पुलिस ने पहले बच्चे को बरामद किया और उसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। इस तरह से पुलिस ने सारे प्रकरण को सुलझा लिया है। पुलिस के बेहतर प्रदर्शन के लिए दुर्ग रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता ने 50 हजार रूपए इनाम की घोषणा भी की है।