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कोटाः लगभग साढ़े चार किलो स्वर्ण आभूषणों से मां का किया गया राजकीय श्रृंगार

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Oct 8, 2019

डब्बू ठाकुर – शारदीय नवरात्र की नवमी पर सोमवार को रतनपुर महामाया मंदिर में माता के राजसी श्रृंगार से सजे स्वरूप का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। राजसी श्रृंगार, आरती और राजसी नैवेद्य चढ़ाने के बाद ट्रस्ट द्वारा कन्या और ब्राह्मण भोज का आयोजन किया गया। इसके बाद सुबह से शाम तक भंडारा चलता रहा। नवरात्रि की नवमी तिथि पर सोमवार को सुबह 06 बजे राजसी श्रृंगार के बाद मंदिर का पट खोला गया तो दर्शनार्थियों ने माता के भव्य स्वरूप का दर्शन किया।

कन्या और ब्राह्मण भोज का भी किया गया आयोजन

ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि माता को रानीहार, कंठ हार, मोहर हार, ढार, चंद्रहार, पटिया समेत 9 प्रकार के हार, करधन, नथ धारण कराया गया। राजश्री श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुआ। इसमें ट्रस्ट के पदाधिकारी और सदस्यों के अलावा आम श्रद्धालु जन भी मौजूद रहे। पूजा अर्चना के बाद मां को राजश्री नैवेद्य समर्पित किया गया। जिसके बाद भोग प्रसाद वितरण के बाद ट्रस्ट की पुरानी धर्मशाला में कुंवारी कन्याओं के पैर धुलवाकर उन्हें आसन पर बिठाकर आरती की गई। वहीं कन्या भोज कराने के बाद उन्हें उपहार दिया गया। इसके बाद धर्मशाला में ही ब्राह्मण भोज का आयोजन में मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राह्मणों को भोज कराया गया। कन्या और ब्राह्मण भोज के बाद ज्योति कलश रक्षकों को भोज कराकर, उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान की गई। इसके बाद भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें अतिथियों को भोजन प्रसाद का वितरण किया गया। कन्या, ब्राह्मण भोज और भंडारे के बाद दोपहर करीब तीन बजे पूजन सामग्री के साथ पुजारी ने सभी कक्ष में ज्योति प्रज्जवलित कर कलश की पूजा अर्चना किया। पूजा अर्चना के बाद मंत्रोच्चारण कर ज्योति विसर्जित की गई।