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कांकेरः नक्सली महिला ने नवजात शिशु के साथ पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण

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May 16, 2019

सुशील सलाम- छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक महिला माओवादी ने बच्चे को जन्म दिया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उत्तर बस्तर डिवीजन कांकेर में लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वॉड (एलओएस) की महिला नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। महिला माओवादी सुनीता उर्फ हूंगी कट्टम साल 2014 में नक्सली संगठन में भर्ती  हुई थी और साल 2018 में सुकमा जिले के किस्टाराम थाना इलाके के मेट्टाम गांव के रहने वाले नक्सली मुन्ना मंडावी से शादी की। इस बीच सुनीता गर्भवती हो गई और उसे माओवादियों ने जंगल में ही उसके हाल पर छोड़ दिया।

पुलिस ने पूर्ण संरक्षण के साथ नकस्ली महिला को शासन की ओर से मिलने वाली मदद का दिया आश्वासन

सुनीता ने पुलिस को बताया कि करीब एक माह से वह कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के चिलपरस गांव में रह रही थी। पिछले दिनों 12 मई को कांकेर पुलिस के जवान तलाशी अभियान पर गए थे। जहां सुनीता ने पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया। महिला नक्सली सुनीता का बच्चा जन्म से ही काफी कमजोर है। उसे पुलिस ने बेहतर इलाज के लिए कांकेर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। कांकेर पुलिस अधीक्षक कन्हैया लाल ध्रुव ने बताया कि सुनीता उर्फ हूंगी कट्टम ने 11 मार्च 2018 को ताडोकी थाना इलाके के ग्राम मसपुर के जंगल में बीएसएफ की टुकड़ी पर हमला किया था। इस नक्सली हमले में बीएसएफ के एक असिस्टेंट कमांडेंट गजेंद्र सिंह और आरक्षक अमरेश कुमार शहीद हुए थे। कांकेर एसपी ने सरेंडर करने वाली महिला नक्सली को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की है। इसके अलावा सुनीता को शासन की ओर से मिलने वाली मदद दी जाएगी।