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जगदलपुरः बस्तर के सांसद दीपक बैज को बनाया गया बस्तर दशहरा समिति का नया अध्यक्ष

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Aug 19, 2019

आशुतोष तिवारी- प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा समिति की कल पहली बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें बस्तर के सांसद दीपक बैज को समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वहीं दशहरा पर्व में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले मांझी चालकियों में सबसे वरिष्ठ अर्जुन मांझी को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। यह पहला मौका है जब मांझी को बस्तर दशहरा समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले जिला पंचायत के अध्यक्ष को समिति का उपाध्यक्ष बनाया जाता था। इसके अलावा सांसद दीपक बैज ने इस बार बस्तर दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाने का निर्णय लिया है। साथ ही बस्तर सासंद ने पर्यटकों को बढावा देने के लिए प्रशासन और अन्य सभी स्तर में हर संभव प्रयास करने की बात कही है।

दो सालों से लगभग 400 से अधिक मांझी चालकियों को मानदेय नहीं मिला

75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिध्द दशहरा पर्व में सबसे अहम और महत्वपूर्ण भूमिका मांझी चालकियों की होती है। दरअसल बस्तर संभाग के सभी जिलो से विशेष जाति के लोगों को मांझी -चालकी बनाया जाता है। जिनका कार्य बस्तर दशहरा समिति के सभी महत्वपूर्ण रस्मों को रिति रिवाज के साथ सम्पन्न कराने का दायित्व होता है और दशहरा पर्व में मांझी, चालकी व मुखिया मुख्य कडी होते हैं। मांझी महेन्द्र ने बताया कि पिछले दो सालों से लगभग 400 से अधिक मांझी चालकियों को मानदेय भी नहीं मिला है, लेकिन इस साल प्रदेश में सरकार बदली है और बस्तर के सांसद भी बदल गये हैं। ऐसे में उन्होने बस्तर के सांसद से दो साल का मानदेय देने के साथ उधार में दशहरा पर्व नहीं मनाने की मांग की है।

मांझी को उपाध्यक्ष बनाने से दशहरा पर्व के ब्यौरा में पारदर्शिता होगी

वहीं कल हुए समिति के बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सबसे वरिष्ठ मांझी अर्जुन मांझी को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। पिछले कई सालों से दशहरा समिति का उपाध्यक्ष जिला पंचायत के अध्यक्ष को बनाया जाता था, लेकिन इस बार बस्तर सांसद के और सर्व समत्ति से अर्जुन मांझी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। उपाध्यक्ष बनाये गये अर्जुन मांझी ने कहा कि पिछले कई सालों से बस्तर में दशहरा पर्व के दौरान कई रस्मों में लगने वाले जरूरी सामान और संसाधनो में धांधली होती थी, लेकिन अब मांझी को उपाध्यक्ष बनाने से दशहरा पर्व के ब्यौरा में पारदर्शिता होगी।

वहीं बस्तर के सांसद व इस दशहरा समिति के नये अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछली सरकार 2010 से 2018 तक दशहरा पर्व उधारी में मनाते आ रही थी। जिसके चलते दशहरा समिति पर 62 लाख रूपये से अधिक का कर्जा हो गया है, लेकिन इस वर्ष दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाया जायेगा। साथ ही पिछले दो सालों से मानदेय की मांग कर रहे मांझी, मुखिया और चालकियों को रूका हुआ मानदेय भी दिया जायेगा और मुख्यमंत्री से चर्चा कर पिछली बकाया राशि को भी चुकता करने फंड की मांग की जायेगी।