Aug 19, 2019
अरविंद दुबे : केंद्र सरकार के द्वारा सेना के लिए हथियार, गोला बारूद और वाहन बनाने वाली सेना की आयुध फैक्ट्रियों के निगमीकरण और निजीकरण का विरोध जोर पकड़ता जा रहा है। केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करने के मकसद से देश की सभी 41 आयुध फैक्ट्रियों के 84 हजार कर्मचारी 20 अगस्त से एक माह की कामबंद हड़ताल पर जा रहे हैं। इस हड़ताल में आयुध फैक्ट्रियों में सक्रिय सभी संगठन शामिल हैं।
हड़ताल का ऐलान करने वाले इन संगठनों के मुताबिक सरकार के इस कदम से देश की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। संगठन के नेताओं ने दावा किया है कि आपातकाल या युद्ध के दौरान इन आयुध निर्माणियों में तय क्षमता के विपरीत कई गुना अधिक उत्पादन करने की क्षमता है जो कि निजी कम्पनी नहीं कर सकतीं। संगठन के नेताओं ने सरकार की इस मंशा पर शक जाहिर करते हुए भ्रष्टाचार करने की गुंजाइश बढ़ाने का आरोप लगाया है। इसके अलावा निगमी करण और निजी करण से आने वाली पीढ़ी का रोजगार छीन जाने की आशंका जतायी है। इसके साथ ही संगठन के नेताओं ने यह भी कहा कि यदि युद्ध की स्थिति बनती है तो वे हड़ताल खत्म कर सकते हैं।