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“धान की तस्करी” धान खपाने के लिए रोज निकाली जा रही नई तरकीबें, प्रशासन की हर कोशिश नाकाम

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Jan 4, 2019

पुरुषोत्तम पात्रा - प्रदेश के किसानों को धान का वाजिब दाम देने के लिए छत्तीसगढ सरकार ने इसकी कीमत 2500 रुपये क्विंटल तय की है, मगर पडोसी राज्य ओडिसा में इसकी कीमत कम होने के कारण कुछ कौचिए वहॉ का धान जिले की समीतियों में खपाने की कौशिश में लगे है, ओडिसा सीमा से लगे गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र में आए दिन धान की कालाबाजारी की खबरे सामने आ रही है पिछले 48 घंटे में ही जिला प्रशासन ने चार बडी कार्यवाही करते हुए लगभग 45 लाख कीमत का धान जब्ती किया है जिसे कौचिए समीतियों में बचने की फिराक में थे अधिकारियों का दावा है कि कौचिए बडी मुस्तैदी से अपने काम को अंजाम दे रहे है।

कालाबाजारी रोकने के लिए बनाई गई स्पेशल टॉस्क फोर्स

धान की कालाबाजारी रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्पेशल टॉस्क फोर्स बनायी गयी है जिसमें खाद्य, कृषि, मंडी और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल है, टॉस्क फोर्स की कमान खुद कलेक्टर संभाल रहे है,टॉस्क फोर्स के अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार की मंशा के अनुरुप अवैध धान को रोकने के लिए ओडिसा सीमा से लगे सभी रास्तों पर उनके सदस्य मौजूद है, जो वहॉ से गुजरने वाले सभी धान से लदे वाहनों की जॉच कर रहे है, और मुकमल दस्तावेज प्रस्तुत नही करने पर जब्ती की कार्यवाही की जा रही है।

अवैध धान रोकने को लेकर प्रशासन दिखा रहा सख्ती

वैसे तो धान की तस्करी कोई नयी बात नही है हर साल ओडिसा से हजारों टन धान प्रदेश की समीतियों बिकता रहा है मगर इस बार जिस तरह से प्रदेश सरकार ने अवैध धान रोकने को लेकर सख्ती दिखाई है और मैदानी स्तर पर अधिकारी धान की तस्करी रोकने में जुटे है उसे देखकर लगता है कि इस बार कौचियों के लिए धान खपाना इतना आसान नही होगा।