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नव गठित संयुक्त मोर्चा ने चुनाव लड़ने का किया ऐलान, बिगड़ेगा सत्ता का गणित

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Jul 10, 2018

अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे सर्व आदिवासी समाज को अब अनुसूचित जाति वर्ग और पिछड़ा वर्ग समाज का भी साथ मिल गया है राजधानी रायपुर में रविवार को गोंडवाना भवन में हुई अहम बैठक में तीनों समाज के नेताओं ने तय किया है कि वे साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे इसमें तय किया गया है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग की 29 और पिछड़ा वर्ग बाहुल्य 20 सामान्य सीटों पर समाज चुनाव लड़ेगा  बैठक में यह भी तय किया गया कि मुख्यमंत्री के खिलाफ भी चुनाव लड़ा जाएगा।

अल्पसंख्यकों का मिला साथ

राजनांदगांव से सीएम के खिलाफ पिछड़ा वर्ग समाज का चेहरा होगा सर्व आदिवासी समाज का दावा है कि संयुक्त मोर्चा को किसान मोर्चा और अल्पसंख्यकों का भी साथ मिल गया है अगस्त महीन में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी वहीं आदिवासी समाज के नेता और पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल से समाज को उपेक्षा मिली है समाज अब खुद चुनाव लड़ने में सक्षम है समाज चुनाव को लेकर व्यापक रणनीति बना रही है।

मुख्यमंत्री के खिलाफ ओबीसी चेहरा उतारा जाएगा

जबकि ओबीसी महासभा के शगुन वर्मा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग भी विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार है सर्व आदिवासी समाज के साथ पहली बैठक हुई है बैठक में एक साझा मोर्चा तैयार किया गया है संयुक्त मोर्चा के साथ मिलकर 20 सामान्य सीटों पर हम अपने प्रत्याशी उतारेंगे मुख्यमंत्री के खिलाफ ओबीसी चेहरा को मैदान में उतारा जाएगा।

कांग्रेस के सामने बड़ी बाधा

इधर सरकार से किसानों की भी नाराजगी किसी से छिपी नहीं है वहीं पत्थलगड़ी मामले को लेकर आदिवासी समाज भी सरकार से खफा-खफा है न सिर्फ सरकार से नाराजगी है बल्कि मामले को ठीक ने नहीं उठाने पर विपक्षी दल कांग्रेस से भी इनकी नाराजगी कम नहीं है ऐसे में संयुक्त मोर्चा सरकार के 65 प्लस और कांग्रेस की सत्ता वापसी के सपने में एक बड़ी बाधा साबित हो सकती है।