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महासमुंदः शहर में साढ़े 19 लाख रूपये की लागत से लगे दोनों वाटर एटीएम हुये खराब

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Jun 16, 2019

रेखराज साहू- इन दिनों जब भयंकर गर्मी पड़ रही है, तब ऐसे में पानी की आवश्यकता भी बढ़ गई है। दो कदम चने पर ही प्यास से गला सूखने लगता है। ऐसी हालत में यदि पानी न मिले तो प्राणी के प्राण पखेरू उड़ भी सकते हैं। महासमुंद में आम नागरिकों को सस्ते दाम पर शुद्ध और शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शहर में दो वाटर एटीएम लगाये गये थे, जो अब कई दिनों से खराब पड़े हैं। जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है और लोग मजबूरी में प्यास बुझाने के लिए होटलों के बाहर रखे अनुपयोगी पानी या मंहगे दाम पर पानी खरीदकर प्यास बुझा रहे है।

पालिका के पार्षद औऱ नागरिक नगरपालिका प्रशासन पर लगा रही आरोप

आपको बता दें कि नगरपालिका महासमुंद द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना अंतर्गत साढ़े 9 लाख रूपये प्रति नग के हिसाब से शहर में दो वाटर एटीएम कचहरी चौक और बस स्टैण्ड में लगाये गये थे। वाटर एटीएम लगाने व संचालन का जिम्मा नागपुर की कंपनी राइट वाटर सॉलूशन को दिया गया था, जिसका शुभारंभ 7 अप्रैल 2018 को कर दिया गया, परन्तु शुभारंभ के कुछ माह बाद से ही वाटर एटीएम खराब हो गया। आम नागरिक इस सुविधा से वंजित हो गये। वाटर एटीएम के संदर्भ में पालिका के पार्षद औऱ नागरिकों का यह कहना है कि वाटर एटीएम सुचारू रूप से नहीं चलने के पीछे नगरपालिका प्रशासन दोषी है। इस पूरे मामले में नगरपालिका सीएमओ अपना ही राग अलाप रही है और वाटर एटीएम के खराब होने की बात को एक सीरे से नकार रही है। गौरतलब है कि वाटर एटीएम का भूगतान 19 लाख में से 85 प्रतिशत भुगतान सबंधित फर्म को कर दिया गया है। बहरहाल वाटर एटीएम में पानी की सप्लाई का काम नगरपालिका को करना है और देखरेख आजीवन सबंधित फर्म को करना है। बावजूद इसके वाटर एटीएम का खराब हो जाना और सबंधित फर्म पर कोई कार्रवाई न किया जाना कई सवाल खड़े करते है।