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अब स्कूली बस्ते का बोझ होगा कम, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जारी किए यह निर्देश

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Nov 28, 2018

हेमंत शर्मा : पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को होम वर्क के साथ बस्ते के बोझ से मुक्ति मिल गई है और दसवीं कक्षा के छात्रों को लिए उनके स्कूली बस्ते का बोझ भी कम कर दिया गया है मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को एक परिपत्र जारी कर ये निर्देश सभी राज्यों को दिए हैं। 

परिपत्र के अनुसार पहली और दूसरी क्लास के छात्रों को अब होम वर्क नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा उनके स्कूली बस्ते का बोझ अधिकतम डेढ़ किलो होगा। इस तरह उनके बस्ते का बोस भी कम कर दिया गया है। तीसरी से पांचवी तक के कक्षाओं के छात्राओं के लिए दो से तीन किलो, छठवीं से सातवीं तक के लिए चार किलो, आठवीं से नवमी तक के लिए साढ़े चार किलो और दसवीं क्लास के छात्रों के लिए पांच किलो ग्राम वजन तक स्कूली बस्ते लाने की अनुमति दी गई है।

आदेश के अनुसार स्कूल छात्रों को अतिरिक्त पुस्तकें और पाठ्य सामग्री लाने का निर्देश नहीं दे सकते हैं। मंत्रालय ने पहली और दूसरी क्लास के छात्रों को केवल गणित और भाषा पढ़ाने की अनुमति दी गई है। जबकि तीसरी से पांचवी कक्षा के छात्रों को गणित, भाषा और सामान्य विज्ञान को ही पढ़ाने का निर्देश दिया है। जो राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा मान्यता दी गई है वही इस आदेश को राजधानी रायपुर के निजी स्कूल सही मान रहे है।

कृष्णा पब्लिक प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल अर्चना मिश्रा ने कहा कि बच्चो के बस्ते का बोझ कम होना चाहिए ये अच्छा फैसला है। इसके लिए हमने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी इसके लिए व्यवस्थाएं की जा चुकी थी। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि बच्चो की पुस्तकें स्कूल में ही रहे। एक नोट बुक लेकर ही वो घर जाए। बता दें कि कई सालों से स्कूली बस्ते का वजन कम करने की मांग की जा रही थी, क्योंकि स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाने के लिए स्कूल बस्ते को भारी कर रहे थे और होमवर्क से छोटे बच्चे और उनके अभिभावक भी परेशान थे।