Jul 20, 2019
मनोज यादव- राज्य में वीआईपी कल्चर समाप्त करने, लाल, नीली व पीली बत्तियों के लिए नियम लागू किए गए हैं, लेकिन पुलिस व प्रशासन के कई अफसर नीली बत्ती का मोह नहीं त्याग पा रहे हैं। वहीं युवा वर्ग के लिए दुपहिया व चार पहिया के नंबर प्लेट स्टेटस सिंबल बन कर रह गया है। ताज्जुब की बात तो यह है कि परिवहन विभाग नियमों के पालन को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने करीब 6 साल पहले लाल, नीली व पीली बत्तिओं को लेकर गाइड लाइन जारी किया था। जिसमें वैधानिक पदों पर आसीन वरिष्ठ अफसर व नेताओं को ही लालबत्ती लगाने की छूट दी गई है। वहीं पीली व नीली बत्ती के लिए भी योग्यता निर्धारित है। यह गाइडलाइन जारी करने का मुख्य उद्देश्य वीआईपी कल्चर को समाप्त करना था ताकि उच्च अधिकारियों की बैठक जनता के बीच बढ़ सके। जनता अपनी समस्या वेजेस अब उनके सामने रख सकें। राज्य में भी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन को सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया।
नीली बत्ती पर होगी कार्यवाही
शुरुआती दौर में निर्देशों का अमल किया जाने लगा था, लेकिन धीरे-धीरे एक बार फिर नीली बत्ती का चलन शुरू हो गया है। पुलिस प्रशासन के कई अफसर हैं जो नीली बत्ती के प्रति अपना मोह नहीं त्याग सके। शहर में प्रशासनिक अफसरों के कई निजी वाहन ऐसे हैं जो नीली बत्ती लगाकर फर्राटे भरते देखे जा सकते हैं। यातायात प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बत्ती को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। नीली बत्ती के लिए पात्रता निर्धारित है। पुलिस और प्रशासन के निजी अथवा अनुबंधित वाहन में भी इसका उपयोग संभव नहीं है। ऐसे मामले में कार्यवाही की जाएगी।