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गरियाबंदः पीएम आवास योजना बेहाल, हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं

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Apr 6, 2019

पुरूषोत्तम पात्रा- भाजपा ग्रामीण अंचल में जिस पीएम आवास योजना के दम पर लोकसभा चुनाव जीतने का सपना देख रही है। गरियाबंद में हितग्राहियों को उस योजना का लाभ नहीं मिलने से परेशान होकर खुदकुशी करने पर मजबूर होना पड रहा है। यही नहीं जिम्मेदार अपने चहेतों को आवास दिलाने के लिए जिंदा लोगों को मृत घोषित करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।

घर बनाने का सपना हुआ चकनाचूर, की आत्महत्या

दुतकैया के 50 वर्षीय दुकालू साहू ने खुदकुशी कर ली। परिजनों ने खुदकुशी का जो कारण बताया वह जिला प्रशासन और भाजपा के लिए कतई अच्छा नहीं है। दुकालू की जिंदगी सिस्टम की भेंट चढ गयी। 5 साल पहले उसे इंदिरा आवास के लिए 45 हजार रुपये मिले थे मगर पूरा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया। जो बचा उससे केवल मकान की नींव तक डाल पाया। पीएम आवास स्किम लागू होने के बाद दुकालू के मन में एक बार फिर पक्के घर का सपना घूमने लगा, मगर ये सपना भी उसका उस समय चकनाचूर हो गया, जब सर्वे सूची में नाम होने के बाद उसे आवास नहीं मिला। जबकि सूची में उससे आगे वालों को आवास आबंटित कर दिया। निराश और परेशान दुकालू ने अंत में चार दिन पहले खुदकुशी कर ली। 

जिन्दा व्यक्ति भी जनपद पंचायत के आंकडों में मृत दर्ज

वैसे दुतकैया गॉव में दुकालू अकेला व्यक्ति नहीं है जो स्सिटम का शिकार हुआ हो। एक बुजुर्ग महिला जो जिंदा है और डंडे के सहारे अपने पैरों पर चलकर घर से बाहर निकल रही है। ये अलेना बाई है, जनपद पंचायत के आंकडों में अलेना बाई मृत हो गयी है। 75 वर्षीय अलेना बाई का नाम पीएम आवास की सर्वे सूची में 4 नंबर पर होने के बाद अब तक नहीं मिला। जबकि गॉव के 125 नंबर तक के हितग्राहियों को आवास मुहैया हो चुका है। 123 नंबर पर दुकालू साहू का था, उसे जान गंवानी पड़ गयी। अलेना को जिंदा साबित करने के लिए एडी चोटी का जोर लगाना पड रहा है।

पंचायत ने भी झाड़ा अपना पल्ला

पंचायत ने इन सभी मामलों में अपनी कहीं कोई गलती नहीं होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड लिया। जनपद पंचायत जहां से ये सारी योजनाएं क्रियान्विंत होती हैं, वहां एसी कमरों में बैठे जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में बात करने तक को तैयार नहीं हैं। अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए अलेना बाई को मृत घोषित कर देना और दूकालू साहू को इंदिरा आवास मिलने की बात कहकर पीएम आवास नहीं देना। जबकि गॉव के सुमेर निषाद और दूकालू निषाद को इंदिरा आवास मिलने के बाद भी पीएम आवास मिल जाना, ये समझने के लिए काफी है कि जिले में योजनाओं का संचालन किस तरह हो रहा है और क्या ऐसी परिस्थितियों में भाजपा को इस योजना का लाभ चुनाव में मिल सकता है।