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छत्तीसगढ में निकाली जा रही पंचकोशी यात्रा, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

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Jan 12, 2020

पुरूषोत्त्म पात्रा : छत्तीसगढ को पर्वों और त्यौहारों का प्रदेश माना जाता है, प्रदेश के किसी ना किसी हिस्से में हर रोज कोई ना कोई पर्व और त्यौहार मनाया जाता है। बता दें कि, प्रदेश में इन दिनों पंचकोशी यात्रा चल रही है।

छत्तीसगढ में पंचकोशी यात्रा
बद्रीनाथ केदारनाथ चारधाम यात्रा की तरह छत्तीसगढ में भी पंचकोशी यात्रा निकाली जाती है, जिसमें प्रदेश के कोने कोने से हजारों श्रद्धालू शामिल होते हैं। मान्यता है कि जो लोग किसी कारणवश बद्रीनाथ केदारनाथ चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकते वे लोग इस यात्रा में शामिल हो सकते है और उन्हें उस यात्रा की तरह ही इस यात्रा से भी उतना ही फल प्राप्त होता है। पांच दिन चलने वाली इस पंचकोशी पदयात्रा में श्रद्धालू 25 कोश पैदल चलकर 5 पड़ाव में 5 शिवलिंग के दर्शन करते है, इस दौरान श्रद्धालू अपने दैनिक आवश्यकता का सामान भी साथ लेकर चलते है। इसीलिए इस पदयात्रा में श्रद्धालुओं को कोई खर्च नहीं करना पडता, कुछ श्रद्धालू तो हर साल इस पंचकोशी यात्रा में शामिल होते है।

कुलेश्वर मंदिर में पूजा पाठ से शुरू होगी पदयात्रा
पंचकोशी पदयात्रा का प्रारंभ और समापन राजिम त्रिवेणी संगम के बीचों बीच स्थित कुलेश्वर मंदिर में पूजा पाठ से होता है, पदयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का पहला पड़ाव पटेवा के पटेश्वरनाथ मंदिर में होता है उसके बाद चंपेश्वरनाथ, बम्हनेश्वरनाथ, फणेश्वरनाथ और कोपेश्वरनाथ के दर्शन के बाद श्रद्धालू कुलेश्वरनाथ मंदिर पहुंचते है। छत्तीसगढ की पंचकोशी पदयात्रा की अहम बात ये है कि ये पदयात्रा 5 शिवलिंगो के दर्शन करने के लिए की जाती है। मगर पदयात्रा के दौरान श्रद्धालू भोलेनाथ की बजाय सीताराम का भजन कीर्तन करते हुए आगे बढ़ते हैं, पदयात्रा हर साल 12 जनवरी से शुरु होती है। पदयात्रा का जिस दिन जिस गॉव में पड़ाव होता है वहॉ उस दिन मेले जैसा माहौल रहता है।