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MR टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

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Jun 7, 2018

स्वास्थ्य महकमा, राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा अगस्त माह में मीज़ल और रूबेला के प्रतिरोधकता के लिए सघन टीकाकरण कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है। इसी के लिए प्रचार और कार्ययोजना की तैयारी के लिए आज जनपद सभाकक्ष में मीटिंग हुई। बता दें कि हर वर्ष भारत मे मीज़ल के कारण लगभग 50000 हजार मौते और रूबेला के कारण 40000 हजार बच्चे विकलांग हो जाते है साथ ही महिलाओं के गर्भपात की संख्या में भी बढ़ोत्तरी का एक कारण रूबेला है।

स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त माह में MR टीकाकरण कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है।और इसी विषय मे जानकारी देने तथा कार्ययोजना बनाने के लिए तखतपुर में स्वास्थ्य कर्मी की मीटींग की गई। 

5 फरवरी 2017 से चलाया जाएगा कार्यक्रम
MR टीकाकरण कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा 5 फरवरी 2017 से चलाया जा रहा है। पहले यह 5 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया गया था जिसमे 3.6 करोड़ बच्चो के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था। अब यह छत्तीसगढ़ सहित 18 राज्य में संचालित किया जा रहा है। साथ ही केंद्र सरकार ने इसे टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल कर लिया है। मीजल्स और रूबेला का संक्रमण एक बार हो जाने के बाद इसे ठीक नही किया जा सकता केवल दवाइयों से राहत पाया जा सकता है।टीकाकरण ही इसका एकमात्र रोकथाम का तरीका है।

हर साल 50000 हजार बच्चों की मौत
मीजल्स से हर साल 50000 हजार बच्चे मौत के गाल में समा जाते है और  रूबेला के कारण हर साल 40000 बच्चे विकलांग हो जाते है।यदि गर्भवती स्त्रियों को तीन माह में इसका टीका नही लगा तो रूबेला के संक्रमण से गर्भपात  हो जाता है।इसीलिए इस अभियान में  बच्चो को एक एकल MR  टीका 9 माह से 15 वर्ष के बच्चों को लगाया जाना है।साथ ही गर्भवती महिला को भी लगाया जाएगा।

लोगो के स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं हो रही संचालित
सरकार लोगो के स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। लेकिन उसका लाभ कभी लोगो मे जागरूकता की कमी तो कभी  स्वास्थ्यकर्मियों की काहीलपन के कारण नही मिल पाता है। अगस्त में चलाए जाने वाले MR टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता भी इन्ही दो बातों पर निर्भर करेगा। दोनो ही बात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो और कर्मचारियों के हाथ मे है।