Sep 14, 2019
अभिषेक सेमर - बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों के बावजूद आज भी रोजगार के कई अवसर उपलब्ध हैं। अवसर का इंतजार करने के बजाय खुद ही अवसर बनाये जाए तो बेरोजगारी दूर कर सफलता की नई इबारत लिख सकते हैं। तख़तपुर के गनियारी में बनाये गए आजीविका आंगन में सेनेटरी निर्माण से जुड़ी महिलायें आज स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
तख़तपुर के गनियारी में शासन द्वारा बनाये गए आजीविका आंगन में अलग-अलग ट्रेड में 600 महिलायें स्वरोजगार से जुड़ी हैं। इसी आंगन में महिलाओं का एक समूह सेनेटरी पैड निर्माण का न केवल प्रशिक्षण ले रही है, वरन इससे जुड़कर प्रतिदिन कमाई भी कर रही हैं। इस काम में 30 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही हैं और प्रशिक्षण के साथ-साथ 200 से 250 रुपये प्रतिदिन कमा रही हैं।
यहाँ बनने वाली पैड पूर्णतः कार्बनिक और उपयोग के बाद खाद के रूप में बदल जाने वाली
प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद या तो वे यहाँ काम कर सकती हैं या फिर स्वयं का उत्पादन केंद्र लगा सकती हैं। महिलाओं से जुड़ी चीज होने के कारण महिलाओं की परेशानियों को समझ कर उसमें सुधार कर उत्पादन बेहतर बना सकती हैं। यहाँ बनने वाली पैड पूर्णतः कार्बनिक है और उपयोग के बाद खाद के रूप में बदल जाती है। इससे पर्यावरण को नुकसान का खतरा भी नहीं है। यहाँ बनाये गए पैड बाज़ार के अन्य ब्रांडेड पैड से बेहतर और सस्ते हैं। यहाँ से बने पैड को सभी शासकीय संस्थानों और विद्यालयो में भेजने की योजना है। इससे संस्थान में काम सीख रही महिलाओं को एक बड़ा बाजार यूं ही उपलब्ध हो जाएगा। आजीविका आंगन में काम कर रही इन महिलाओं की कोई विशेष शैक्षणिक योग्यता भी नहीं है। इनकी योग्यता काम करने और सीखने की लगन है जो इन्हें निश्चित ही आगे बढ़ कर सक्षम बनने की ओर ले जा रही है।