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मरकाटोला पुल बह जाने से माओवादी क्षेत्र को जोड़ने वाला राज्य 6 दिनों से बंद

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Jul 18, 2018

भारी बारिश के चलते मरकाटोला पुल बह जाने से बालोद जिला और कांकेर जिला माओवादी क्षेत्र को जोड़ने वाली एक मात्र राज्य मार्ग विगत 6 दिनो सें बंद है। जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गरीब असहाय यात्री अपना जान जोखिम डालकर पैदल लगभग 1 किलोमीटर चलने को मजबूर हो रहे है। छोटे छोटे बच्चों को गोदी में लेकर एक दूसरे के सहारा बनकर यात्रा कर रहे है। राहगीरों के लिए कोई प्रशासन द्वारा कोई दिशा निर्देश नहीं होने से कई यात्री इधर उधर भटक जा रहे है।

बालोद जिले से चलने वाली बसें मरकाटोला पुल के आधा किलोमीटर पहले रोक दी जाती है । वहीं से दूसरी ओर कांकेर जिला जाने वाले यात्री बस से उतर कर दूसरे छोर पर खड़ी पुल से आधी किलोमीटर दूर कठिन रास्ते से चल कर कांकेर बस पकड़ रहे है। वहीं इन यात्रियों की मजबूरी को फायदा उठाते हुए छोटे खटारा टेक्सी वाहन यात्रियों से अधिक किराया लेकर दूसरे अन्य जर्जर सड़क से यात्रियों को कांकेर जिला पहुंचाया जा रहा है। 

प्रशासन नहीं कर रहा कोई इतंजाम
कई गाड़ियों विगत 4 दिनों से इस मार्ग से जाने के लिए मरकाटोला पुल के पास डटे हुए है क्योंकि अन्य मार्ग सकरा, छोटी व जर्जर पुल होने के कारण अपना भारी वाहन पार करने में किसी प्रकार का कोई जोखिम नही उठाना चाहते। बीच जंगल में फंसे होने वाहन चालक कों को अपनी एक अलग ही पीड़ा है उन्हें खाने पीने के सामान व बारिश में रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने से काफी परेशान है वे अन्य दुसरे राज्य से लंबी सफर करते हुए यहां तक पहुंचे है जहां पर उन्हें उचित सलाह देने के प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। वे अपने मंजिल तक सही सलामत पहुंचने के लिए इसी मार्ग पर डटे हुए है। 

इंजीनियर मौके से नदारद
वहीं सड़क निर्माण लगे एडीबी के इंजीनियर मौके से नदारद रहते है जिससे वैकल्पिक रास्ता कब तक पूरा होगा और भारी वाहनों को इस पार से उसपार जाने में आसानी होगी इसकी कोई आज तक पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही है। वैसे डटे हुए वाहन चालकों का कहना है कि विगत चार दिनों से आज रास्ता बन कर तैयार हो जाएगा अगले दिन सुबह आवागमन प्रारम्भ करने की संभावना बताते हुए अब तक हमें यही पर रोक कर रखे हुए है। इस मार्ग के अलावा दुसरे मार्ग से यदि हम जाना चाहते है तो अन्य मार्ग का कोई दिशा निर्देश नहीं होने से आगे जा कर फिर कहीं फंस न जाए इस लिए हम इस मार्ग को छोड़ कर अन्य मार्ग पर जाने का भारी जोखिम नहीं उठा सकते। साथ ही हमारे वाहनों में अन्य मार्ग में जाने के लिए पर्याप्त इंधन की व्यवस्था नहीं है।