Loading...
अभी-अभी:

प्रदेश के सीएम खुद डॉक्टर, फिर भी स्वास्थ्य सुविधाएं कोसों दूर : कांग्रेस

image

Mar 22, 2018

कांग्रेस प्रदेश संचार विभाग अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि जिस प्रदेश के सीएम खुद डॉक्टर हैं, वहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों का निजीकरण बेशर्मी से लागू किया जा रहा है, हम इसकी निंदा करते हैं। 

कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ़. राकेश गुप्ता के आरोप 
कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ़. राकेश गुप्ता और प्रदेश संचार विभाग अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कई आरोप रमन सरकार पर लगाए हैं उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकार शराब की सरकारी दुकानें खोल रही है और अस्पतालों का निजीकरण किया जा रहा है सरकार की प्राथमिकता शराब बेचना है आम लोगों के स्वास्थ्य की चिंता सरकार को नहीं है।

9 सरकारी अस्पतालों को दिया जाएगा पीपीपी मोड में 
गुप्ता ने कहा कि सीएस की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि 9 सरकारी अस्पतालों को पीपीपी मोड में निजी क्षेत्रों को दिया जाए इन 9 अस्पतालों में एक नया रायपुर और एक कुरूद भी शामिल है। इसका मतलब ये है कि जहां सरकार है, वहां भी सरकारी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में सरकार सक्षम नहीं है उन्होंने कहा कि जिन 9 सरकारी अस्पताल को निजी हाथों में दिया जा रहा है, वह शहरी क्षेत्र है शहरों में भी सरकार स्वास्थ्य सुविधा नहीं दे पा रही।

स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली बीजेपी की हार का कारण बनेगी
उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य राजनीतिक दलों की प्रतिबद्धता होती है यदि कोई दल जिसकी सरकार है वह ये कहकर निजी हाथों में सरकारी अस्पताल को दे दे कि हम संचालन नहीं कर पा रहे हैं, तो ये दुर्भाग्यजनक है। स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली बीजेपी की हार का कारण बनेगी। सरकार का एजेंडा अस्पतालों में उपकरण खरीदना और बिल्डिंग बनाना प्राथमिकता में है बेरोजगारों के घूमने के बावजूद सरकारी अस्पतालों में आउटसोर्सिंग कर दिया गया, जबकि अम्बेडकर अस्पताल में निकाली गई वैकेंसी के लिए दस-दस हजार लोग इकट्ठे हो रहे हैं।

डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी
प्रदेश में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है और भर्ती में पारदर्शिता नहीं है उन्होंने कहा कि अब क्या वार्ड बॉय और नर्सों के लिए भी सरकार आउटसोर्सिंग करेगी। प्रदेश में 4 बड़े नेत्र कांड हुए हम लगातार जांच की मांग करते रहे, लेकिन सरकार ने जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई नहीं की, दवाओं की गुणवत्ता में कमी पाई गई थी। निजीकरण का हम विरोध करते हैं हमने कभी निजीकरण का समर्थन नहीं किया है शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि अस्पतालों के निजीकरण का हम हर स्तर पर विरोध करेंगे सड़क पर इसे लेकर आंदोलन करेंगे।