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जगदलपुरः निगम के सामान्य सभा में बारिश की वजह से शहर में हुए जलभराव का मुद्दा छाया

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Aug 14, 2019

आशुतोष तिवारी- निगम के सामान्य सभा में बारिश की वजह से शहर में हुए जलभराव का मुद्दा छाया रहा। पिछले दिनों हुए बारिश के बाद शहर में जलभराव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए और विपक्ष ने सत्तापक्ष पर इस मुद्दे को लेकर जमकर भड़ास निकाली। निगम में सामान्य सभा की शुरुआत ही हंगामे से हुई। शहर के रमैया वार्ड की महिला पार्षद राधिका यादव ने सदन में कहा कि बारिश के मौसम में उनके पूरे वार्ड में जलभराव की स्थिति निर्मित हो जाती है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 4 वर्षों से इस समस्या का निराकरण करने के लिए नाली निर्माण करने की मांग को लेकर महापौर और नगर निगम के अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुकी हैं। बावजूद इसके उनकी कोई सुनवाई नहीं होती और इस बार भी बारिश में वार्ड में जलभराव हो गया था और कई वार्ड वासी तो घर में बारिश का पानी घुसने की वजह से बेघर हो गए थे।

जल्द नाली का निर्माण न शुरू करने पर महिला पार्षद हुई नाराज

उनकी अभी तक मांग पूरी नहीं होने से नाराज होकर महिला पार्षद अपनी कुर्सी छोड़कर सभापति के सामने जमीन पर बैठकर जल्द नाली का निर्माण शुरू करने की मांग करने लगी। उसके बाद भाजपा के अन्य पार्षदों ने भी महिला पार्षद का समर्थन करते हुए कुर्सी छोड़कर सभापति के सामने नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद नगर निगम के सभापति के समझाइश के बाद सभी भाजपा के पार्षद अपने-अपने स्थान पर वापस बैठ गये। इधर दलपत सागर वार्ड के पार्षद नरसिंह राव ने भी सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहां की निगम के महापौर व जिम्मेदार अधिकारी बारिश से पहले किसी तरह की तैयारी नहीं किए थे और इस बारिश में निगम के ड्रेनेज व्यवस्था की भी पोल खोल कर रख दी। जगह-जगह बारिश का पानी ब्लॉक होने की वजह से शहर का आधा हिस्सा जलमग्न हो गया और कई मुख्य सड़के भी बारिश की वजह से आधी डूब गई। बावजूद इसके निगम हाथ पर हाथ भरे बैठा रहा और जलभराव की स्थिति से निपटने में नाकाम रहा।

नगरी निकाय मंत्री को बड़े नालों के निर्माण के लिए की फंड की मांग

वहीं सत्ता पक्ष की तरफ से निगम के महापौर ने कहा कि रमैया वार्ड में नाली निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया था, लेकिन ठेकेदार द्वारा काम शुरू नहीं किए जाने से उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। फिर से आगामी 21 अगस्त को टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं बारिश की वजह से शहर में जलभराव को लेकर महापौर ने कहा कि शहर के कई जगहों पर बड़े नालों का निर्माण किया जाना है ताकि जलभराव की स्थिति में बारिश का पानी शहर से बाहर निकल जाए। इसके लिए 2 साल पूर्व ही प्रदेश में मंत्री रहे अमर अग्रवाल को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, लेकिन वह पास नहीं हो पाया। इस बार भी नगरी निकाय मंत्री को बड़े नालों के निर्माण के लिए फंड की मांग की गई है। निगम के पास पैसे नहीं होने की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया है। वहां उनका कहना है कि जल्दी व्यवस्था को दुरुस्त करने निगम का पूरा अमला लगा हुआ है। गौरतलब है कि हर बारिश में शहर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बावजूद इसके नगर निगम इस जलभराव की समस्या से शहरवासियों को निजात दिलाने नाकामयाब ही साबित रहा है। यही वजह है कि इस बार ओवरफ्लो की वजह से कई मकान ढह गए और 3 लोगों की जान भी चली गई।