Aug 14, 2019
दशरथ सिंह कट्ठा- आरपीएफ जवान के यहाँ हो गई चोरी, जीआरपी पुलिस ने नहीं की एफआईआर दर्ज। वहीं एक दिन पहले मेघनगर थाने में नहीं लिखी गयी रिपोर्ट। फ़ेसबुक पर लिखी पोस्ट और मीडिया के हस्तक्षेप के बाद आखिकार मेघनगर सिटी पुलिस ने दर्ज की एफआईआर।
आम जनता की सुरक्षा का दावा करने वाली काँग्रेस सरकार के राज में आम आदमी तो दूर पुलिस वाले तक सुरक्षित नहीं है । इस बानगी मेघनगर में देखने को मिली। रेलवे का आरपीएफ थाना मेघनगर में पदस्त जवान महेशचंद्र मीना अपने यहाँ 11 अगस्त को हुई चोरी की रिपोर्ट जब रेलवे के ही जीआरपी थाने में लिखाने पहुँचा तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि चोरी की घटना वाला क्षेत्र उनके क्षेत्र में नहीं आता। यहाँ से ये जवान जब स्थानीय सिटी के मेघनगर थाने मे अपनी रिपोर्ट लिखवाने गया तो यहाँ से भी उसे यही जवाब मिला कि रिपोर्ट नहीं लिखी जा सकती।
फेसबुक पर अपनी पीड़ा पोस्ट करने के बाद स्थानीय मीडिया हरकत में आया
एक पुलिस वाला ही जब पुलिस वाले के काम नहीं आता तो आम आदमी से पुलिस क्या उम्मीद कर सकता है। अब इस मामले को ही ले लीजिए, रेलवे पुलिस किस तरह से अपने ही साथी के यहाँ हुई चोरी में एफआईआर नहीं लिखने का कारण गिनाकर अपने असंवेदनशील होने का परिचय किस तरह से दे रही है। इन सब बातों से व्यथित मीना ने अपनी इस व्यथा की फ़ेसबुक पर पोस्ट डाली की उनकी सुनवाई नहीं हो रही आखिर वो कहां जाए। इस पोस्ट के बाद स्थानीय मीडिया हरकत में आया। एक जाँच में पहुँचे जिले के एडीश्नल एसपी विजय डाबर से मीडिया ने इस विषय पर बात की। एसपी ने तुरंत इस मामले का संज्ञान लेते हुए आरपीएफ के जवान मीना को बुलवाया इस मुद्दे पर बात की और तुरंत एफआईआर के आदेश दे दिए।