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अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हजारों ग्रामीण, आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से हैं वंचित

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Jun 25, 2019

लोकेश साहू : धमतरी जिले के वनांचल क्षेत्र में बसे सैकड़ों गांव आजादी के सात दशक बाद भी गुमनामी के अंधेरे से बाहर नही निकल पाये हैं। शासन ने सैकड़ों वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा तो दे दिया है लेकिन सुविधाएं आज तक मुहैय्या नही हो पाया है। ऐसे में वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के सब्र का बांध टूटने लगा है जो कि अब घर की चौखट लांघ कर सड़क की लड़ाई लड़ते हुए अपने हक के लिए आवाज बुलंद कर कर रहे हैं।

प्रदर्शन और नारेबाजी करने पर मजबूर हुए ग्रामीण
ग्रामीण हजारों की संख्या में अपने गांव से निकलकर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन और नारेबाजी करने मजबूर हो गए हैं। वनग्राम संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों की मानें तो शासन ने साल 2013 में सैकड़ों वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया है लेकिन जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वो अभी तक नहीं मिल पाई है। तहसील कार्यालय में रिकार्ड दुरुस्त नहीं हो पाने से काफी दिक्कतों का सामना उन्हें करना पड़ रहा है।

गांवो को टाइगर रिजर्व क्षेत्र से न हटाने की मांग
किसानों को न तो खाद बीज नसीब हो रहा है, न ही शासकीय योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि तहसील कार्यालय में रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाए। टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बसे गाँवो को भी नहीं हटाने की मांग ग्रामीणों ने की है। कुल नौ सूत्रीय मांगों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर रजत बंसल ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि स्थानीय स्तर की जो भी समस्याएं हैं उन्हें जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास किया जाएगा।