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सरायपाली: कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने वाले बुनकरों को मिल रहा है रोजगार

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Jun 8, 2019

विजय साहू- ग्रामीण इलाकों में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर समग्र हथकरघा विकास योजना के तहत सैकड़ों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। महासमुंद जिले के सरायपाली के सलडीह में बुनकर सेमहासमरी समिति के माध्यम से कपड़ा बुनने वाले बुनकरों को इसका लाभ मिल रहा है। इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में 26 सहकारी समितियां बनाई गई हैं जिन के माध्यम से कपड़ा बुनने वाले बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। कच्चा माल भी उन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है तथा उनके द्वारा तैयार किए गए कपड़ों को शासन को भेज कर लाभांश कमाया जा रहा है।

समिति के माध्यम से बुनकरों को सीधे तौर पर आजीविका का साधन मुहैया कराया जा रहा

गौरतलब है कि बढ़ते औद्योगीकरण के चलते जहां कुटीर उद्योग समाप्ति की ओर है, वहीं दूसरी ओर लोगों को रोजगार देने की योजना को लेकर ग्राम उद्योग विभाग द्वारा संचालित बुनकर सहकारी समिति के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना काबिले तारीफ है। महासमुंद जिले के सरायपाली में संचालित सहकारी समिति के माध्यम से पंद्रह सौ से लेकर 2 हजार लोगों को रोजगार सीधे तौर पर उपलब्ध हो रहा है। सहकारी समिति के माध्यम से बुनकरों को कच्चा धागा उपलब्ध कराया जाता है तथा बुने हुए कपड़ों को खरीद का उन्हें लाभांश वितरित किया जाता है। सरायपाली बुनकर सेवा सहकारी समिति में ओड़िया कपटा साडी की बुनाई की जाती है जिसे ओडिशा के मार्केट में 500 से लेकर 5000 तक बेचा जाता है। इसके साथ-साथ राजीव गांधी शिक्षा मिशन योजना के तहत स्कूली बच्चों को दिया जाने वाला निःशुल्क गणवेश भी इसी बुनकर सहकारी समिति के माध्यम से श्रमिकों द्वारा तैयार किया जाता है जिन्हें कच्चा धागा उपलब्ध कराए जाने के बाद बनाए हुए कपड़ों को शासन को दिया जाता है तथा इससे स्कूली बच्चों के लिए निशुल्क गणवेश तैयार किया जाता है। समिति के माध्यम से बुनकरों को सीधे तौर पर आजीविका का साधन मुहैया कराया जा रहा है। जिसकी सभी और तारीफ की जा रही है।