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राजनांदगांव में महिलाओं ने श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया आंवला नवमी का पर्व

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Nov 6, 2019

मनेाज मिश्रेकर : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला अक्षय नवमीं के रूप में मनाई जाती है। अक्षय नवमीं को आंवला नवमी भी कहा जाता है। आंवला नवमी के मौके पर राजनांदगांव जिले के व्रती महिलाओं ने टाउन हॉल स्थित बगीचे पहुंचकर आंवला वृक्ष की विधि विधान से पूजा अर्चना की और धागे से परिक्रमा किया।

आंवले के वृक्ष का महिलाओं ने किया पूजन
इस अवसर पर आंवला वृक्ष की आरती उतारी गई और घर परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की। आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना करने पहुंची व्रती महिलाओं श्रीमती अंजली मिश्रा का कहना है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है इसके पूजन से धन संबंधी वृद्धि होती है वही संतान की प्राप्ति होती है। 

आंवले को अमृत का फल कहा जाता है...
पौराणिक मान्यता के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले की पूजा होती है। इस दिन आंवले के पेड़ के अलावा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आंवले को अमृत का फल भी कहा जाता है। इस मौके पर व्रती महिलाओं ने वृक्ष की विधि विधान से पूजा अर्चना करती है और सुहाग का सिंगार चढाती है। इस अवसर पर आंवला पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने की परंपरा व्रती महिलाओं ने आंवला पेड़ की छांव में भोजन कर अपना उपवास तोड़ा और प्रसादी का वितरण किया है।