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अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में धूल खा रही सिटी स्कैन मशीन

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Oct 1, 2019

राम कुमार यादव : अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की अव्यवस्था की कई कहानी आपने पहले सुनी होंगी कभी यहां सिटी स्कैन मशीन भवन के कमी के कारण धूल खाती है, तो कभी मशीन के तार को चूहा काट लेने से मशीन बंद हो जाती है, तो इसी बीच अस्पताल में डायलिसिस कराने पहुंचने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों या डायग्नोस्टिक सेंटर की ओर रुख करना पड रहा है। वैसे इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल से कुछ ही दूरी पर प्रदेश के स्वास्थ मंत्री का घर भी है।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डायलिसिस मशीन खराब
अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्याप्त समस्याओं के कारण मेडिकल काउंसिल आफ इण्डिया कई बार प्रबंधन को चेता चुका है और यही वजह है कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना से लेकर अब मेडिकल कॉलेज को शून्य ईयर घोषित किया जा चुका है लेकिन उसके बावजूद राज्य शासन यहां व्यापत समस्याओ को नजरअंदाज करती आ रही है। चौंकाने वाली बात है कि इस बार मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डायलिसिस मशीन ही खराब हो गई है। जिससे पिछले करीब डेढ महीने से यहां डायलिसिस कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को बैंरग लौटना पड रहा है और उसके बाद मरीजों को मोटी रकम लेकर डायलिसिस करने वाले जांच केन्द्र की ओर रुख करना पडता है।

डायलिसिस मशीन का इंस्टालेशन अभी तक नहीं हुआ..
ऐसा नहीं कि इस सामान्य चिकित्सकीय उपकरण के खराब हो जाने से प्रबंधन को बहुत ज्यादा परेशानी हैं। जबकि लोगो को हो रही परेशानी के सवाल के साथ जब हम अस्पताल उप अधीक्षक के पास पहुंचे तो उन्होने कहा कि ज्वाईंडिस की डायलिसिस मशीन ठीक है और सामान्य डायलिसिस की मशीन खराब है। इतना ही नही अधीक्षक महोदय की उस बात में हैरानी हुई है। जिसमें उन्होने कहा कि डायलिसिस मशीन आ कर रखी है, बस इंस्टालेशन नही हुआ है।

स्वास्थ्य सुविधा कब होगी दुरूस्त
जानकारी के मुताबिक डायलिसिस की सेवा किसी भी अस्पताल के लिए अब सामान्य चिकित्सकीय सेवा हो गई है। ऐसे में स्वास्थ मंत्री के घर के समीप स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डायलिसिस करने वाली मशीन का खराब होना और फिर नई मशीन का इंस्टालेशन ना होना निश्चित तौर पर स्वास्थ व्यवस्था के लिए शर्म की बात है। बहरहाल देखते है कि गरीब लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा कब तक दुरुस्त होती है।