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अमित शाह का जगदलपुर दौरा: बस्तर दशहरा की सांस्कृतिक धरोहर में शिरकत

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Oct 4, 2025

अमित शाह का जगदलपुर दौरा: बस्तर दशहरा की सांस्कृतिक धरोहर में शिरकत

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे, जहां वे विश्व विख्यात बस्तर दशहरा उत्सव में भाग लेंगे। 75 दिनों तक चलने वाले इस प्राचीन पर्व की शुरुआत के अवसर पर वे दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। यह दौरा न केवल सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्रीय विकास और शांति प्रयासों को मजबूत करने का संदेश भी देता है। शाह का यह आगमन स्थानीय जनजातीय समुदायों के लिए विशेष उत्साह का विषय बना हुआ है।

दौरे का विस्तृत कार्यक्रम

अमित शाह शुक्रवार रात रायपुर पहुंचे, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। आज सुबह 11 बजे वे विशेष विमान से जगदलपुर के लिए रवाना हुए और दोपहर 12:10 बजे मां दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने देवी की पूजा-अर्चना की और स्थानीय पुजारियों के साथ संवाद किया। इसके बाद दोपहर 12:30 बजे सिरहासार भवन में आयोजित समारोह में शिरकत की। 1:30 बजे वे बस्तर दशहरा के मुख्य आयोजन मुरिया दरबार में शामिल हुए, जहां आदिवासी युवाओं और नेताओं से चर्चा की। यह कार्यक्रम लगभग 3:15 बजे तक चला। दौरे के दौरान शाह ने स्वदेशी मेला का भी अवलोकन किया, जो स्थानीय हस्तशिल्प और परंपराओं को प्रदर्शित करता है।

बस्तर दशहरा की ऐतिहासिक महत्ता

13वीं शताब्दी में बस्तर के राजा पुरुषोत्तम देव द्वारा प्रारंभ किया गया यह दशहरा अन्य क्षेत्रों से भिन्न है। यहां रावण वध या रामलीला का आयोजन नहीं होता, बल्कि मां दंतेश्वरी की आराधना, तांत्रिक विधियां और जनजातीय रीति-रिवाजों पर जोर दिया जाता है। 600 वर्ष पुरानी यह परंपरा प्रकृति, जंगल और देवी के गहन संबंध को दर्शाती है। मुरिया दरबार में युवा आदिवासी अपनी मांगें रखते हैं, जो सामाजिक न्याय का प्रतीक है। इस वर्ष पर्व की शुरुआत में शाह की उपस्थिति ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है।

क्षेत्रीय विकास और शांति संदेश

शाह के दौरे से बस्तर में नक्सल प्रभाव को समाप्त करने के प्रयासों को बल मिला है। एक समय नक्सलियों के गढ़ रहे इस क्षेत्र में अब शांति और विकास की लहर है। उन्होंने पुजारियों से बातचीत में राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र किया, विशेषकर आदिवासी कल्याण से जुड़ी। यह दौरा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता को राष्ट्रीय मंच पर उजागर करने के साथ-साथ राजनीतिक एकजुटता को भी मजबूत करेगा। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इससे पर्यटन और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। कुल मिलाकर, यह घटना सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Report By:
Monika