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आज से छठ पूजा का आरंभ, 4 दिनों तक चलेगा यह महापर्व

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Nov 1, 2019

राम कुमार यादव : छठ पूजा का आरंभ आज से हो गया है यह एक महापर्व है जो पूरे 4 दिनों तक चलता है। इस पर्व का मुख्य दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होती है लेकिन इसकी शुरुआत कार्तिक शुल्क चतुर्थी से ही हो जाता है। यह व्रत काफी कठिन है जिसमें 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है और पानी में खड़े रहकर सूर्य को अर्ध्य देना होता है। आज से शुरू हुए छठ पूजा को लेकर समितियों के द्वारा व्यापक रूप से तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। वहीं प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर लगभग 300 से अधिक जवानों को तैनात कर रही है।

सूर्य भगवान की अर्घ्य देकर करते हैं पूजा 
छठ पूजा आज नहान खान से शुरू हो चुकी है जो लगातार 4 दिनों तक चलेगा छठ पूजा में उपवास रखने वालों की अगर मानें तो छठ पूजा करना बहुत ही कठिन माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि छठ व्रत करने से घर परिवार मैं सुख,शान्ति, समृद्धि आती है व बाल बच्चे खुशहाल रहते हैं। लगभग 36 घंटे का उपवास कर ब्रती यह उपवास रखते हैं और उगते हुए और डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य दे अपनी पूजा का समापन करते हैं।

नदी तालाबों में तैयारियां पूरी
छठ पूजा को लेकर अंबिकापुर शहर के विभिन्न स्थानों नदी तालाबों में तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। छठ पूजा को लेकर शहर के शंकर घाट घुनघुट्टा नदी सहित अन्य स्थानों में अलग-अलग समितियों द्वारा तैयारियां की गई हैं, जहां पर छठ ब्रती पूजा पाठ करेंगे तो वही समिति के द्वारा इस बार अम्बिकापुर में प्लास्टिक मुक्त छठ पूजा मनाने की तैयारी की गई है।

300 से अधिक जवान तैनात
छठ पूजा को देखते हुए प्रशासन के द्वारा भी 300 से अधिक जवान लगाए गए हैं। तलाब नदियों में गोताखोरों की भी व्यवस्था की गई है। ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी शहर के विभिन्न जगहों पर पॉइंट बनाए गए हैं। प्रशासन का मानना है कि यह सारी व्यवस्था होने से लोगों को होने वाली परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और आवागमन सुचारु रुप से चल सकेगा।

छठ पूजा में एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ 
नहान खान से शुरू हुई छठ पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण पूजा के रूप में माना जाता है। छठ पूजा बहुत ही कठिन पूजा होती है। झारखंड से सटे क्षेत्र होने के कारण सरगुजा में भी अधिकांश लोग छठ पूजा को मानते और करते हैं। छठ पूजा में लगभग एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ आने की उम्मीद जताई जा रही है हालांकि समिति और प्रशासन के द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है।