Aug 8, 2018
पंकज सिंह भदौरिया : कभी नक्सलियों के नाम से पहचान बनी दन्तेवाड़ा के सुरनार गांव की शिक्षा को लेकर अब तस्वीर बदल रही है। जागरूक महिला सरपंच मीना मंडावी ने पूरे गांव में स्कूल चलो की तर्ज पर मुहिम चला रखी है। जिसका समर्थन अब सरपंच को पूरे गांव से मिल रहा है। गांव के सभी स्कूलों में दर्ज संख्या इस पहल के चलते जबरदस्त बढ़ने लग गयी है। मगर अब भी इस गांव में नक्सलवाद के गहरे घाव नजर आते है जिसकी वजह है विकास की रफ्तार प्रशासनिक मदद के लिहाज से कम दिखना। गांव में बनने वाले आश्रम भवन को जिला प्रशासन ने 15KM दूर दूसरे ब्लॉक में बनवा दिया। जिसके चलते गांव के सरपंच मीना सहित ग्रामीणों में प्रशासन के इस कदम के खिलाफ नाराजगी भी दिख रही है।
दरअसल दन्तेवाड़ा जिले के कल्याण ब्लॉक का सुरनार गांव नक्सलगढ़ माना जाता है गांव तक सरकार के विकास के दावे फैल खाते नज़र आते है। इस गांव तक कोई पक्की सड़क नही है। कच्चा रास्ता पत्थरों से भरा है। नालों के बीच बिजली के खम्बो का पुल गांव वालों ने वर्षों से बना रखा है। 7 पारा और 4000 कि आबादी वाले इस गांव का आश्रम भवन गांव से 15 किलोमीटर दूर कुआकोंडा दूसरे ब्लॉक में प्रशासन ने बना दिया। जिसके चलते गांव के मासूम बच्चों की शिक्षा को लेकर जगाई गयी अलख की लौ कमजोर होती दिखाई दे रही है क्योकि बच्चो के लिए कोई अच्छा सा आश्रम भवन भी नही है।
स्वराज एक्सप्रेस की टीम जब इस धूर नक्सलक्षेत्र सुरनार गांव तक पहुँची तो स्कूली बच्चे जबरदस्त उत्साह लग्न से पढ़ रहे थे अव्यवस्थाओं के बीच छात्र अपना भविष्य गढ़ रहे थे। और पूरा गांव सरपंच मीना इस मंथन में लगा हुआ था कि कैसे गांव में शिक्षा स्तर बढ़ाया जाये। ग्रामीणों ने स्वराज एक्सप्रेस के सामने सरकार से शिक्षा के लिए मदद मांगी है। ग्रामीणों को आश्रम भवन गांव में चाहिए ताकि इस गांव की शिक्षा को चलाई जा रही मुहिम को मदद मिल सके। पढ़ी लिखी महिला सरपंच मीना मंडावी के इस पहल की चर्चा आस पास के ग्रामो में भी जमकर हो रही है।