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दुर्ग जिले में रॉयल बंगाल टायगर की दस्तक, बॉर्डर से सटे सभी गांवों में अलर्ट जारी

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Jan 4, 2020

चंद्रकांत देवांगन : राजनंदगांव, बालोद के बाद अब दुर्ग जिले में भी रॉयल बंगाल टायगर (बाघ) ने अपनी दस्तक दे दी है, लेकिन यहां बाघ के द्वारा पहली बार शिकार किये जाने की पुष्टि हुई है जिससे वन विभाग व पुलिस सहित जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। 

गांव में अलर्ट जारी
बता दें कि, दुर्ग, बालोद और राजनंदगांव जिले के बॉर्डर के लगभग सभी गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। बाघ इन तीनों जिलों के बॉर्डर के किसी भी गाँव में पहुंच सकता है। आज बाघ के पहुंचने की जानकारी तब मिली जब दुर्ग जिले के अंडा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत अछोटी में गाँव से कुछ दूरी पर खेत के मेड के नीचे एक गाय का शव मिला। पहले तो लोगों ने गाय की मौत को सामान्य मानकर ध्यान नहीं दिया लेकिन जब पास से देखा गया तो लोगों की आंखे फटी की फटी रह गई। गाय के गले में बाघ के दांतों और पंजो के खरोंच से हुए जख्म से खून बहता दिख रहा था। वहीं आसपास के खेत पर पद चिन्ह के निशान भी साफ देखने से ग्रामीणों को विश्वास हो गया कि यह किसी और का नही बल्कि बाघ द्वारा किया गया हमला है। ग्रामीणों ने ये जानकारी सरपंच को दी जिसके बाद सरपंच ने वन विभाग और पुलिस को सूचना दी। वन विभाग को सूचना मिलते ही कुछ ही घंटों में तमाम जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन का अमला गांव पहुंच गया।

बाघ के हमले से गाय की मौत
पंचायत भवन से महज आधा किलोमीटर दूर सुनसान खेत में गाय के शव के करीब से वन विभाग ने बाघ के सबूत इकट्ठे करने शुरू किए जिसमें पद चिन्ह के निशान,गाय के शव में दांतो के निशान तो वहीं एक टहनी में बाघ के बाल के टुकड़े भी मिले जिससे यह साफ हो गया था बाघ के हमले से ही गाय की मौत हुई है। गाँव के ग्रामीणों को घटना स्थल से 200 मीटर दूर रहने की हिदायत दी है तो वहीं ग्रामीणों को घर के अंदर रहने के सख्त निर्देश दिए गए है।

वन विभाग ने ग्रामीणों से की अपील
वन विभाग ने आधिकारिक पुष्टि न करते हुए इस बात की सीधी जानकारी दी है कि गाय की मौत बाघ के हमले से ही हुई है क्योंकि गले में गहरा चोट के निशान मिले है वह बाघ के दांतों के ही है अधिकारियों ने ग्रामीणों से भी अपील की है कि किसी भी हालत में अगर बाघ के होने की कोई जानकारी मिले तो तत्काल पुलिस या वन विभाग को सूचना दें।