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हाथी प्रभावित 52 गांव के ग्रामीणों को राहत देने के लिए वन विभाग ने अपनाया ये तरीका

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May 29, 2019

रेखराज साहू : महासमुंद जिले के हाथी प्रभावित 52 गांव के ग्रामीणों को राहत देने एवं जनहानि व फसल बर्बादी कम करने के लिए वन विभाग ने जगमग लाईट व उस इलाके में तार बिछाकर उसमें हल्की विद्युत प्रभावित कर हाथी को रोकने के प्रयास के साथ हाथी प्रभावित इलाकों में जनजागरूकता फैलाकर जनहानि को रोकने का एक अनूठा प्रयास किया है। जहाॅ वन विभाग के आला अधिकारी लोगों को जागरूक करने के लिए गांव में कैंप कर रहे हैं,वहीं ग्रामीण भी वन विभाग के इस पहल को सराह रहे है। 

चार सालों में 15 ग्रामीणों को मौत के घाट उतारा
महासमुंद वनपरिक्षेत्र के 52 ( लहगंर , परसाडीह ,जोबा , कुकराडीह , गुडरूहडीह , अछोला , मोहकम, अचानकपुर आदि ) गांव पिछले चार सालों से हाथी के आंतक से परेशान है। शासकीय आंकडों के अनुसार हाथियों ने इन चार सालों में 15 ग्रामीणो को मौत के घाट उतार दिया है साथ ही डेढ दर्जन लोगो को घायल कर चुके हैै और 1000 हेक्टयर की फसल बर्बाद कर चुके है। वर्तमान में 18 हाथियों का दल कुकराडीह बंजर में विचरण कर रहे है। इन हाथियों से होने वाले जनहानि व फसल बर्बादी को रोकने के लिए वन विभाग ने कुकराडीह गांव के इलाकों में 700 मीटर तार बिछाया है। जिनमें बैटरी से हल्की करंट प्रभावित की जाती है और जैसे ही हाथी इन तारों के संपर्क में आते है। उन्हें झटका लगता है और वे इधर नही आते है। जिसे वन विभाग ई आर बी पद्धति कहते है। 

ई आर एल पद्धति 
दूसरी पद्धति का नाम है ई आर एल। इस पद्धति के अंर्तगत वन विभाग ने कुकराडीह के तीन स्थानों पर जुगजुगी लाईट आम बोलचाल की भाषा में लगाये है। ये लाईट रात में फ्लेसर के माध्यम से जलती व बुझती रहती है। जिससे हाथी उन क्षेत्रों में नही जातें है। दूसरी तरफ लोगों को जागरूक करने के लिए वन विभाग के मुख्य वन सरंक्षक ने खुद कमान संभालते हुवे गांवो में जाकर लोगो को जागरूक कर रहे है। इसी कडी में मुख्य वन सरंक्षक के के बिसने आज ग्राम लहगंर में जाकर लोगो को जागरूक किया। वन विभाग के मुख्य वन सरंक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व रायपुर का कहना है कि यह पद्धति काफी कारगर है और इस पद्धति से ही सरगुजा में भी जनहानि रोकने में काफी मदद मिली है। 

हाथी से बचने के लिए बनाया कलेंडर 
गौरतलब है कि वन विभाग ने हाथी से बचने के लिए एक कलेंडर बनाया है। जिसमें लिखा है कि इन दस कारणों से ही जनहानि होता है। हाथी संकट प्रबंधन दल की सलाह नहीं मानने से, हाथियों के विचरण स्थलों में पैदल ,बाइक ,सायकल एवं अन्य वाहनों से जाने पर, हाथियों के विचरण स्थलों में खेत खलिहान, मकान,कच्चे मकान में सोने से,हाथियों के समीप फटाखा फोडने से,शौच के लिए खुले में जाने से,हाथियों के साथ सेल्फी लेने से ,हाथियों के समीप चले जाने से, महुआ शराब,खाद्यान के भंडारण स्थलों के पास रहने से, हाथी विचरण स्थलों में महुआ बीनने जाने पर एवं हाथियों को देखने के लिए भीड़ लगाने पर जनहानि होती है। इसलिए इन बातों पर ध्यान देने से जनहानि को रोका जा सकता है।