Feb 9, 2020
सुशील सलाम : अतिसंवेदनशील आमाबेड़ा क्षेत्र के किसकोड़ो गांव में नक्सलियों की दहशत की वजह से मासूमों की शिक्षा पर ग्रहण लग चुका था। स्कूल भवन को नक्सलियों ने ब्लास्ट कर उड़ा दिया था, लेकिन अब सालों बाद यहां की तस्वीर बदलती हुई नजर आ रही है। जिस जगह स्कूल भवन को ब्लास्ट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया था, अब उसी जगह फिर से शिक्षा की अलख जगाई जा रही है।
बता दें कि, साल 2003 में जब इस इलाके में नक्सलियों की भारी दहशत थी, तब नक्सलियों ने स्कूल भवन में सुरक्षाबलों को ठहराने का आरोप लगाकर स्कूल भवन को ही ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। फोर्स के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं जिस जगह स्कूल भवन को नक्सलियों ने ब्लास्ट कर उड़ाया था। उसके पास ही झोपड़ीनुमा स्कूल बनाया गया है, जहां यहां के बच्चे अब एक बार फिर से अपना भविष्य गढ़ने जुटे हुए हैं। जब इस गांव में पहुंची तो यह बात सामने आई कि नक्सलियों की दहशत तो है, लेकिन अब पहले जैसे हालात नहीं हैं। अब नक्सलियों का भय ग्रामीणों के मन से दूर होने लगा है। यहीं वजह रही कि इस बार यहां पंचायत चुनाव में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है।जिस तरह से अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों की दहशत कम हो रही है, उसका श्रेय पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों को जाता है जिन्होंने लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर नक्सलियों को बैकफुट में ढकेल दिया है और ग्रामीण आम जीवन जीने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।