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टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बसे ग्रामों का अभी तक नहीं हुआ विस्थापन, ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

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Jun 10, 2019

संदीप सिंह ठाकुर : अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बसे ग्रामों को विस्थापन करने की तैयारी पिछले कई सालों से की जा रही है। लेकिन अभी तक विस्थापन नहीं हुआ है। जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वन विभाग और राजस्व विभाग की लापरवाही का खामियाजा वनग्राम के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। एक ऐसा ही ताजा मामला वनग्राम लमनी के आश्रित ग्राम अतरिया का सामने आया है।

यहां के परेशान ग्रामीणों ने आज भाजपा नेताओं के साथ एसडीएम को राज्यपाल के नाम 6 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा और जल्द ही मांगे पूरी नही हुई तो आंदोलन करने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने एसडीएम को बताया कि जंगली जानवरों के डर से अच्छे से खेती नहीं कर पा रहे, दूसरी तरफ मनरेगा सहित अन्य योजना में यदि काम किया भी जाता है तो किसी को 6 महीने तो किसी को साल भर के बाद मजदूरी नहीं मिली। इससे उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। ऐसे में गांव छोड़कर बाहर जाना हमारे लिए मजबूरी है।

जानकारी के मुताबिक इन दिनों अतरिया के 32 परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ भीषण गर्मी में 60 किलोमीटर पैदल चलकर विस्थापित गांव सांभर धसान पहुंच गए हैं। वहीं सांभर धसान से 3 किलोमीटर पास के बघर्रा गांव में झोपड़ी बनाकर बसर करना चाहते हैं। उनका यह भी कहना है कि अब हम सब किसी भी हालात में वनग्राम अतरिया लौटकर वापस नही जाएंगे। इस पूरे मामले को लेकर लोरमी के एसडीएम चित्रकान्त चार्ली ठाकुर का कहना है कि विस्थापन की प्रक्रिया जारी है। उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर जल्द ही उचित कार्यवाही की जाएगी।