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अफ़सोस हमारी हुकूमत को लोकतंत्र की कोई फ़िक्र ही नहीं: औवेसी

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Jan 16, 2018

हाल ही में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमान नेता एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने देश के ऐसे मुद्दों पर बात की जो मुद्दे काफी दिनों से चर्चा में बने हुए है। इन मुद्दों पर आवैसी ने अपने खुलकर बयान रखे। और राजनीतिक पार्टियों पर तंज कसना शुरू कर दिया। चाहे कांगेस हो या बीजेपी औवेसी ने किसी को नहीं छोडा। ओवैसी ने जिन मुद्दों को प्रमुखता से लिया उनमें चार जजों के विवाद, ट्रिपल तलाक, अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले, जनेऊधारी-भगवाधारी जैसे मुद्दे शामिल है। सबसे पहले औवेसी ने जजों पर बात की और कहा कि ये एक बेहद गंभीर मुद्दा है, इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए, अफ़सोस हमारी हुकूमत को अब तक लोकतंत्र की कोई फ़िक्र ही नहीं। वहीं उन्होनें अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर कहा कि मुस्लिमों पर हमले होते है, सरकार सख्त कार्यवाही नहीं करती। इससे उन लोगो में डर का सन्देश जाता है जो देश के लिए अच्छा नहीं है। मैं डर की सियासत नहीं करता, मैं उम्मीद की राजनीति करता हूँ। औवेसी ने तीन तलाक के मुद्दे पर कहा कि वह मुसलमानों के नेता नहीं बन रहे है। लेकिन सरकार और जनता के बीच जो खालीपन हो गया है उस खालीपन को भरना जरुरी है। वहीं दूसरी तरफ औवेसी ने पद्मावती फिल्म का उदाहरण देते हुए बताया की एक मामूली फिल्म पे कितना बड़ा विवाद होता है और फिल्म बंद करवा दी जाती है। सरकार कभी इन मुद्दों पर बैठक नहीं करती न जनता को उनके सवालों का कोई जवाब मिलता है। मैं मुसलमान और दलित दोनों को एक प्लेटफार्म में लाने की कोशिश कर रहा हूँ। वहीं राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी गुजरात में मोहब्बत की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे लेकिन असलियत कुछ और ही है। जब कर्नाटक में कांग्रेस की हुकूमत है फिर क्यों मुझे वहां बोलने से रोका जाता है। क्या ये मेरा अधिकार नहीं है? जब मैं देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में बोल सकता हूँ तो कर्नाटक में क्यों नहीं।