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गीता का मिला परिवार, झारखण्ड की डिप्टी कमिश्नर ने लिखा केंद्र सरकार को खत

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Oct 14, 2017

इंदौर : झारखण्ड के रहने वाले एक परिवार ने पाकिस्तान से इंदौर आकर रह रही गीता के माता-पिता होने का दावा किया। बकायदा इस बात की जानकारी झारखण्ड की डिप्टी कमिश्नर डॉ नेहा अरोरा  ने केंद्र सरकार को खत लिखकर इस बात की सूचना दी हैं।

झारखण्ड के गढ़वा जिले के बांदू गांव के रहने वाले विजयराम और मालादेवी ने गीता के माता पिता होने का दावा कर रहे हैं। इस बात की जानकारी इंदौर मूकबधिर संस्थान के संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित के माध्यम से सामने आई हैं। वे कई मुकबधिर संगठनों से जुड़े हुए हैं। 

परिवार के हर एक बात की पुष्टि की हैं, जो गीता ने पाकिस्तान में रहते हुए ज्ञानेन्द्र पुरोहित को अपने परिवार और गांव के बारे में बताई थी। गीता ने पाकिस्तान में वेब कॉल के माध्यम से ये जानकारी दी थी। 

उसके घर के आसपास खेत हैं, आगे चलकर देवी का मंदिर हैं, एक बुजुर्ग बाबा हैं, जो बैसाखी के सहारे चलते हैं, साथ ही अन्य कई ऐसी बातें हैं, जो झारखंड के रहने वाले परिवार ने भी हूबहू बताई हैं।  परिवार के विजयराम और मालादेवी ने दावा किया हैं कि पकिस्तान से लाई गई गीता ही उनकी बेटी गुड्डी हैं।

जिसकी शादी 1 मार्च 2008 को 15 साल की उम्र में कर दी गई थी। वो बचपन से ही मूकबधिर थी और 8 महीने बाद लापता हो गई थी। जिसके बाद परिवार ने एफआईआर भी करवाई थी अब स्थानीय प्रसाशन के माध्यम से ये जानकारी विदेश मंत्रालय को भेजी गई हैं।

झारखंड से दावा करने वाले परिवार  कि बातों का जिक्र खुद गीता ने भी किया था, जब वो पाकिस्तान में थी, तब उसने एक लेटर में  गुड्डी और बादो लिखा था, जो इसके घर के नाम गुड्डी और गांव के नाम बांदो से मेल खाता हैं। 

परिवार के विजयराम और मालादेवी के अलावा 2 बहनें और एक भाई हैं।  अब देखना होगा कि इंदौर कलेक्टर के आदेश के बाद गीता को फोटोज दिखाएं जाएंगे और तब इस बात की पहचान होगी कि ये गीता के माता पिता हैं या हैं।