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फर्जी मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह का मास्टर माइंड गिरफ्तार

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Oct 7, 2017

ग्वालियर : देशभर के संस्थानों के नाम की फर्जी मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड सहित पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया हैं। गिरोह 10वीं से लेकर बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी तक की फर्जी मार्कशीटें तैयार करके ग्राहक की हैसियत अनुसार रकम वसूल कर बेचता था। 

आरोपियों में फर्जी डीएड की मार्कशीट से संविदा शिक्षक बनने वाला शख्स भी शामिल हैं, जो पहले बर्खास्त भी हो चुका हैं। सरगना से पुलिस पूछताछ कर रही हैं और दो आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया हैं।

ग्वालियर के थाटीपुर थाना पुलिस को आरटीआई कार्यकर्ता संकेत साहू ने बेहट के शासकीय प्राथमिक स्कूल में पदस्थ संविदा शिक्षक वीरेंद्र रावत की शिकायत की थी। शिकायत में वीरेंद्र ने 2002 में वंदे मातरम कॉलेज से बीएड करना बताया हैं।

जबकि कॉलेज को बीएड की मान्यता ही 2006 में मिली थी। इस शिकायत के बाद जनपद सीईओ की रिपोर्ट पर वीरेंद्र को बर्खास्त किया गया और पुलिस ने जून में वीरेंद्र पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।

वीरेंद्र को उठाते ही पुलिस को पता चला कि लक्ष्मीनारायण चौबे और मास्टर माइंड राजीव गोविला थाटीपुर की मार्कशीटों के फर्जीवाड़े में अहम भूमिका हैं। राजीव 12 साल से 10वीं से लेकर किसी भी डिग्री की फर्जी मार्कशीट बनाने का काम कर रहा हैं और कुछ समय पहले क्राइम ब्रांच ने भी पकड़ा था।

आरोपियों से बीटेक की दो फर्जी मार्कशीट, डीएड की कई मार्कशीट व 10वीं-12वीं की यूपी बोर्ड की फर्जी मार्कशीटें मिली हैं। गुवाहाटी और तमिलनाडु के संस्थानों तक की मार्कशीटें मिलीं हैं। वहीं आरोपी अपने आपको बेगुनाह बता रहा हैं।

पुलिस की तफ्तीश में पता चला हैं कि राजीव गोविला 30 से 60 हजार रुपए में डीएड, बीएड से लेकर सामान्य माने जाने वाली डिग्रियों की फर्जी मार्कशीट मिलती थी। जैसी लेने वाले की हैसियत वैसी कीमत राजीव वसूलता था, सबका हिस्सा भी बंटता था।

राजीव खुद फर्जी मार्कशीटें बनाता था। वहीं वीरेंद्र ने खुद बीएड की मार्कशीट राजीव से बनवाई और गिरोह में भी सक्रिय काम करता था। अपने संबधों के जरिए युवकों को लाता था और बीई, बीटेक, एमबीए की फर्जी मार्कशीटें डेढ़ से दो लाख तक में बेची जाती थी।