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निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए मेयर लगवा रहे प्लांट : विपक्ष

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Mar 14, 2018

मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों की भूमिकाओं पर हमेशा से सवाल उठते रहते है ऐसा ही एक मामला ग्वालियर शहर से भी समाने आया है। जहां निगम ने स्वर्ण रेखा नदी के सीवेज पानी को ट्रीट करने के लिए 400 करोड़ रूपए 4 प्लांटों पर खर्च किए है जिससे स्वर्ण रेखा नदी में नाव चलाई जाएगी, साथ ही उस पानी को हॉर्टिकल्चर के उपयोग के लिए दिया जाएगा। बता दें ​कि इसके बाद विपक्ष मैदान में कूद पड़ा है, विपक्ष का आरोप है कि शहर में अभी लोगों को पानी पिलाने की जरूरत है, लेकिन मेयर निजी कंपनियों को फायदा पहुचानें के लिए सीवेज प्लांट लगवा रहे है। 

स्वर्ण रेखा नदी पर अब तक हुआ एक अरब रूपए खर्च
ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी पर मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार लगभग एक अरब रूपये से ज्यादा खर्च कर चुकी है जिसके पीछे मकसद था कि इस स्वर्ण रेखा नदी में सीवेज के पानी को ट्रीट करके उसमें नांव चलाई जाएगी। लेकिन अब जब ग्वालियर अंचल में भीषण गर्मी और पेयजल संकट समाने आ गया है। ऐेसे में नगर निगम के मेयर फिर से सीवेज के पानी को स्वच्छ करने के नाम पर 400 करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि खर्च करके प्लांट लगा रहे है। जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि मेयर अपनी खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए प्लांट लगवा रहे है।

जलालपुर में बन रहा 160 एमएलडी क्षमता का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
नगर निगम ग्वालियर द्वारा अमृत योजना के तहत जलालपुर में 160 एमएलडी क्षमता का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। इसके पीछे निगम का तर्क है कि जलालपुर में बनने वाले  सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से सीवर की समस्या निराकरण होगा। जिसके जरिए स्वर्ण रेखा नदी में साफ पानी बहाया जाएगा जिससे वहां वोटिंग होगी और पानी सिंचाई, पशुओं के उपयोग के साथ- साथ गार्डनिंग, फैक्ट्री उपयोग, फायर सिस्टम के लिए, शौचालय आदि के लिए उपयोग के लिए जाएंगा। इसके साथ ही मेयर ने साफ कर दिया है कि वह सिंचाई, गार्डिंग और खेती के लिए साफ पानी देने की स्थिति में नही है। इसलिए इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है वहीं निजी कंपनी को फायदा पहुचने के आरोप में मेयर का कहना है कि टेंडर की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई है।

मेयर पर लगे संगीन आरोप
ग्वालियर नगर निगम के द्वारा जो चार सीवेज प्लांट बनाएं जाएंगे उसका ठेका कानपुर की इनब्रांड कंपनी को दिया गया है। जिसको लेकर मेयर पर संगीन आरोप लगे है। जिसमें मेयर की कंपनी से नजदीकी संबधं बताएं गए है। जिसके कारण ग्वालियर में अमृत योजना के तहत उन्हें काम दिया जा रहा है। साथ ही ऐसे भी काम जिनकी जरूरत फिलहाल है नही है। ऐसे में अब देखना होगा, जो नगर निगम बीते 15 सालों से सीवेज के पानी को ट्रीट करके स्वर्ण रेखा नदी में 12 महीने नांव नही चला सकी वो मेयर पर आरोप लगने के बाद कब तक चला पाती है।

नेता प्रतिपक्ष का बयान
नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम ग्वालियर कृष्णराव दीक्षित का कहना है कि निगम पैसों की बर्बादी करने में लगी है, इस योजना में जमकर भ्रष्ट्राचार हो रहा है कुछ लोग अपनों को फायदा पहुंचने के लिए ये काम करवा रहे है।