Sep 22, 2017
भोपाल : सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे राज्य के अध्यापकों ने अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ का दरवाजा खटखटाया है। अध्यापक 24 सितंबर को छिंदवाड़ा में प्रांतीय अधिवेशन करने जा रहे हैं। इस अधिवेशन को पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद कमलनाथ संबोधित करेंगे।
अध्यापकों का कहना है कि प्रदेश की सरकार ने 2003 में शिक्षकों के लिए समान कार्य समान वेतन देने का वादा किया था। आज प्रदेश में 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी भाजपा सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया और लगातार आश्वासन भर दे रहे हैं।
छठवें वेतनमान का तीन बार गणनापत्रक निकाला जा चुका है जो लेकिन अब भी वह विसंगतिपूर्ण है। शिक्षा विभाग में हो रहे नित नए प्रयोग व निजीकरण को बढ़ावा देने के विरोध में प्रदेश के सभी संगठनों के अध्यापक एकजुट होकर अध्यापक संघर्ष समिति के बैनर तले अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। विसंगति हटाओ स्कूल बचाओ' के नारे को लेकर एकजुट हुए अध्यापक सरकार से अपनी मांगे मनवाने अड़ गए हैं।
अध्यापकों की प्रमुख मांगेः
- 2013 के समझौते को अक्षरश: लागू कर सिंतबर 2013 से छठवां और जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दिया जाए।
- अध्यापकों का शिक्षकों के समान वेतन और सेवा शर्तों के साथ शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए।
- 2007 में समाप्त कर दी गई 9 साल की वरिष्ठता बहाल की जाए और पुरानी पेंशन की सुविधा दी जाए।बिना शर्त तबादला नीति, अनुकंपा नियुक्ति, और सीसीएल की सुविधा हर अध्यापक को दी जाए।
- 5000 तक की आबादी वाले गांव और कस्बों में निजी स्कूलों को मान्यता देना बंद किया जाए।
- कम छात्र संख्या के बहाने स्कूलों को बंद करना रोका जाए।
- स्कूलों को निजी कंपनियों को ठेके पर देने या पीपीपी मोड पर चलाने जैसी साजिशों पर स्थायी रोक लगाई जाए।