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गढ़ाकोटा नगर के इतिहास की पहली स्वाभिमान की लड़ाई, देखिए पूरी खबर

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Sep 6, 2018

शंभु चौरसिया : नगर के इतिहास में पहली बार नगर विकास छात्र संगठन समिति के तत्वावधान में नगर विकास को लेकर 5 सितम्बर 1984  को शहीद हुए शहीदों कि मूर्तियों का अनावरण कार्यक्रम रखा गया, जिसमें क्षेत्रीय विधायक व मध्य प्रदेश शासन में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने मूर्तियों का अनावरण किया।

बता दें गढाकोटा नगर के इतिहास की पहली स्वाभिमान एवं विकास की पहली लड़ाई 14 जुलाई सन् 1981 को नगर विकास की मांगों को लेकर नगर विकास संघर्ष समिति के तत्तकालीन अध्यक्ष युवा गोपाल भार्गव की अगुवाई में आन्दोलन के रूप में लडी गई जिसमें नगर में तहशील,कालेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं पोस्ट मार्टम जैसी प्रमुख मांगे थी। और लंबे समय तक यह लड़ाई लडी गई लेकिन 1 सितम्बर 1984 से यह आन्दोलन उग्र रूप में परिवर्तित हो गया आन्दोलन इतना उग्र था कि 5 सितम्बर 1984 को इन मांगों को लेकर नगर के युवाओं ने मुख्य बस स्टैंड पर जैसे ही सरकार विरोधी आंदोलन को उग्र किया तो गढाकोटा नगर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।

उसी दिन सागर में तत्कालीन मध्य प्रदेश शासन के शिक्षा मंत्री मुंशीलाल धृतलहरे आये थे तो नगर के दो युवा अशोक चौबे,गुल्लाई यादव प्रतिनिधि के रूप मे मांगों को लेकर ज्ञापन देने गये थे जिनकी लौटते समय सड़क दुघर्टना में मृत्यु हो गई थी जिसकी जानकारी जैसे नगर के युवाओं को लगी तो आन्दोलन और भी भयानक हो गया नौबत यहां तक आई कि पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी जिसमें रफीक खान, चेतराम कोरी पुलिस की गोली का शिकार हुए और शहीद हो गये।

नगर में पुलिस की बर्बरता यहां नहीं रूकी नगर में हफ्तों से करफ्यु लगा रहा लोग घरों से नहीं निकले और रहवासी रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए मुहताज हो गये पुलिस द्वारा लोगों के घरों में घुस कर मार पीट और लूटपाट जैसी असंवेदनशील घटनाओं को अंजाम दिया। उसी समय नगर के युवा और वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव पुलिस से अपनी टाकीज में छिपने के दौड़कर जा रहे थे तभी पुलिस ने उन पर भी फायरिंग की पर जाको राखे साइयां मार सके न कोय की कहावत चरितार्थ हुई गोपाल भार्गव के ऊपर जैसे ही पुलिस ने फायरिंग की तो दौड़ते समय भार्गव के पैर के नीचे गाय का गोवर आ जाने से वे जमीन पर गिर गये ओर गोली भगवान श्रीगणेश के सिर में जा लगी।

यह घटना गढाकोटा नगर के इतिहास में वह काला दिन था जिसमें नगर विकास की मांगों को लेकर नगर के युवाओं ने शहीद होकर चुकाई थी आज 5 सितम्बर को उसी घटना को याद करते हुए संपूर्ण नगर के छोटे बड़े व्यापारियों के अपने प्रतिष्ठान बंद रहे, पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने सभी शहीदों के परिजन का मंच पर साल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया एवं शहीदों को याद किया।