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10 वर्षीय मृत बच्चे को जीवित करने के लिए डॉक्टरों ने रखा नमक के ढेर पर

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Aug 31, 2018

इरफान खान : आधुनिक चिकित्सा व आईटी क्रांति के दौर में भी अंधविश्वास कैसे खत्म हो, जब सरकारी तंत्र ही उसको बढ़ावा दे रहा है। जिसकी बानगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुढार में देखने को मिली। जहां अस्पताल के पीएम रूम में कुँए गिरने से पानी में डूबने से एक 10 वर्षीय बच्चे की मौत के बाद उसे जीवित करने के लिए नमक ढेर में रख उसके जीवित होने का इंतजार करते रहे। हद तो तब हो गई की इस अंधविश्वास के लिए अस्पताल के बीएमओ ने उन्हें 3 घण्टे समय दे दिया। इतना ही नही यह सब खेल पुलिस और डॉक्टरो की मौजूदगी में चलता रहा। 

धनपुरी थाना क्षेत्र के वार्ड नं 15 निवासी हिमांशु गुप्ता अपने घर के समीप साइकिल चला रहा था इसी दौरान घर के समीप स्थित कुँए की दीवार में पैर रखा और संतुलन खोते हुए कुँए में जा गिरा वहां मौजूद लोगों द्वारा उसे बचाने का प्रयास किया गया लेकिन तब तक बहोत देर हो चुकी थी हिमांशु की पानी मे डूबने से मौत हो चुकी थी। जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 

इस दौरान अस्पताल में मौजूद मृत हिमांशु के पिता व अन्य लोगो ने व्हाट्सएप पर इसी तरह की घटना के दौरान नमक के ढेर में 4 घण्टे शव को रखने के दौरान जीवित हो जाने की जिक्र करते हुए हिमांशु को भी अस्पताल के मरचुरी ( पीएम हाउस)  में नमक बीके ढेर में रखकर घंटो इंतजार करते रहे। 

इस अंधविश्वास के लिए उन्होंने बकायदे अस्पताल के बीएमओ से अनुमति लें ली थी बीएमओ ने उन्हें 3 घंटे की महोलत दी थी। अस्पताल में यह अंधविश्वास का खेल न केवल डाक्टरो की मौजूदगी में चल रहा था बल्कि वहां धनपुरी पुलिस सब इंस्पेक्टर की मौजूदगी में किया जा रहा था।