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बारिस में पुल न होने के कारण नदी पार करके स्कूल जाते हैं छात्र

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Sep 8, 2018

आदर्श पाराशर : रायसेन जिले में चार-चार मंत्री और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद भी जिले में स्कूलों में न भवन है और न ही स्कूली बच्चों को स्कूल तक पहुंच मार्ग। छोटे छोटे मासूम बच्चे भी पुल नही होने से स्कूल तक लंबी नदी से निकल कर जाते हैं एक और शिक्षा में बाधा नदी हैं तो दूसरी और स्कूल का पुराना जीर्ण शीर्ण भवन, ऐसे में कैसे पढ़े बच्चे। जिले के अंतिम छोर के शासकीय मिडिल स्कूल चिकली का मामला है।

आईये दिखाते है हम आपको स्पेशल रिपोर्ट  कि cm शिवराज सिंह चौहान ने 15 सालों में कितना विकास किया है

मप्र सरकार स्कूल शिक्षा के अनेकों योजनाएं चला रही हैं लेकिन राजनीति के अभाव में योजनाएं जमीनी हकीकत से दूर हैं। मामला हैं रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के चिकली गांव में आजादी के आजतक स्कूल जाने के लिए नदी पर पुल का निर्माण नही हो सका। वहीं 1964 के बने स्कूल भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर है स्कूल तक जाने के लिए मासूम बच्चों को नदी के रास्ते स्कूल जाना पड़ता हैं। नदी पार करते बच्चे भींग जाते हैं तो कई बार नदी में गिर जाते है। जिले में तीन मंत्री होने के बाद भी विकास की जमीनी हकीकत यही है। शासकीय मिडिल स्कूल चिकली में कक्षा 1 से 8 बी तक के बच्चे पढ़ते हैं और निकालकर स्कूल जाने तक का मार्ग नदी हैं सरकार की योजनाओं के बाद न तो नदी पर पुलिया बनी और न ही स्कूल भवन निर्माण हुआ। बच्चों खुद क्या करते हैं उनकी व्यथा किस तरह से परेशानी का सामना करते हैं।

जहां स्कूली बच्चे जान जोखिम में स्कूल जाने को मजबूर हैं तो वहीं स्कूल प्रबंधन भी टपकते पानी मे पढाने को मजबूर है। स्कूल से कई बार प्रस्ताव भेजा गया लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा भवन निर्माण नही कराया गया। वहीं 1964 के बने भवन में बच्चे पढाने को मजबूर हैं शिक्षक। गौरतलब है कि आज भी आदिवासी अंचल विकास से कोसो दूर है।

इस मामले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को जानकारी हैं और अनेको बार प्रोपोजल बनाकर शासन को भेजे जा चुके है वहीं राजेश कौरव ने बताया कि स्कूल भवन की लिए जगह नही हैं। जैसे ही जगह मिलती हैं नवीन भवन निर्माण कराया जाएगा। SDM ने तहसीलदार को स्कूल की जांच के लिये भेजा।