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जीवाजी यूनिवर्सिटी अब अपना केडर सुधारने के साथ-साथ प्लेसमेंट की भी करेगी शुरूआत

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Sep 18, 2018

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की जीवाजी यूनिवर्सिटी अब अपना केडर सुधारने के साथ-साथ प्लेसमेंट की और भी मुड़ गयी है। क्योंकि बीते सालों का जीवाजी यूनिवर्सिटी का रिकोर्ड प्लेसमेंट के मामले में बहुत खराब रहा है। अब ऐसे में यूनिवर्सिटी अपने यहां चलाएं जा रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्सस को लेकर उधोगपतियों से राय लेंगी। साथ ही उनके सहयोग से बाकी कोर्सेस को चलाएंगी जिससे छात्रों को रोजगार मिल सकें।

ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से हर साल सैकड़ों छात्र पढ़ाई पूरी करके निकलते हैं लेकिन जब रोजगार के लिए आवेदन देते हैं, तो बहुत कम छात्रों को ही रोजगार मिल पाता है। चाहे फिर वो सरकारी और प्राइवेट दोनों ही क्षेत्रों क्यों न हो। जिसे ध्यान में रखकर अब जीवाजी यूनिवर्सिटी ऐसे कोर्स शुरू करेंगी। साथ ही सिलेबस में बदलाव करेंगी। जिससे यूनिवर्सिटी के पास आउट छात्रों को रोजगार मिल सकें। जीवाजी यूनिवर्सिटी में चल रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्स का सिलेबस उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप है या नहीं इसको लेकर देश के जाने-माने उद्योगपति से  जीवाजी यूनिवर्सिटी के अफसर अब संपर्क में लग गए है। 

प्रो.शांतीदेव सिसौदिया, पीआरओ, जीवाजी यूनिवर्सिटी का कहना है कि यूनिवर्सिटी में सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस में उधोगपतियों की मदद ली जाएंगी जिससे अच्छा सिलेबस तैयार हो सकें और छात्र-छात्राओं को रोजगार मिल सकें।

विगत कुछ सालों से जीवाजी यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट का रिकॉर्ड ठीक नहीं रहा है खासकर सेल्फ फाइनेंस कोर्सों की स्थिति अच्छी नहीं रही है। जिसे देखते हुए खुद सूबे की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने भी चिंता जाहिर की थी। लेकिन अब जीवाजी यूनिवर्सीटी ने सेल्फ फाइनेंस कोर्सस की स्थिति सुधारने के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आगे कदम बढ़ाए है जिससे यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं भी खुश है।

वैसे ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में न्यूरोसाइंस, फूड टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, ह्यूमन जेनेटिक्स, मास्टर इन इंस्ट्रुमेंटल, एनवायरनमेंट,  एमएससी कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स के लगभग 45 से ज्यादा सेल्फ फाइनेंस कोर्स संचालित हो रहे है। वहीं ढ़ाई हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं इन कोर्सेस को कर रहे है। अब ऐसे में देखना होगा कि यूूनिवर्सिटी का ये कदम छात्र-छात्राओं को रोजगार दिला पाता है, या नही।